डॉक्यूमेंट तैयार कर लीजिए… क्योंकि आ गई है SIR की तारीख! ममता के गढ़ बंगाल में मचा है जबरदस्त हंगामा — केंद्र ने चला दिया वो ऑपरेशन क्लीन वोटर लिस्ट जिसका असर पूरे देश में गूंजेगा!
जी हाँ दोस्तों! चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 1 नवंबर से Special Intensive Revision यानी SIR शुरू करने का ऐलान कर दिया है! मतलब, अब वोटर लिस्ट की होगी बड़ी सफाई! फर्जी, मृत और डुप्लिकेट नाम होंगे OUT — और असली वोटर होंगे! लेकिन सवाल ये उठता है — क्या ये सफाई लोकतंत्र के लिए ज़रूरी है… या फिर ये सियासी चाल है ममता बनर्जी को घेरने की?
टीएमसी के खेमे में हड़कंप मच गया है! पार्टी कह रही है — ये तो केंद्र की साजिश है! महुआ मोइत्रा पहुंच गईं सुप्रीम कोर्ट, कहा – यह वोटर लिस्ट में हेरफेर का नया तरीका है! वहीं बीजेपी ने बजा दी ताल — कहा, बहुत हुआ बांग्लादेशी खेल, अब होगा बंगाल में असली वोटरों का मेल!
SIR यानी Special Intensive Revision, 1 नवंबर से जनवरी 2026 तक चलेगा! BLO यानी Booth Level Officer घर-घर जाएंगे, दस्तावेज़ देखेंगे – आधार, पैन, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र… जो नहीं दिखाएगा – उसका नाम लिस्ट से गायब! मतलब – No Document, No Vote!
और सुनिए – आयोग का कहना है कि 7.5 करोड़ वोटरों वाली लिस्ट में 5 से 10 प्रतिशत तक बदलाव संभव है! यानी लाखों नाम हट सकते हैं या जुड़ सकते हैं!
अब ज़रा सोचिए – अगर लाखों नाम कट गए… तो क्या ये सिस्टम की सफाई कहलाएगी या सियासी सर्जरी? क्या यह बंगाल के 2026 विधानसभा चुनावों की तैयारी है, या फिर ममता सरकार की नींव हिलाने की कोशिश?
1 नवंबर से शुरू होगा SIR ऑपरेशन, जिसे बीजेपी कह रही लोकतंत्र की जीत और टीएमसी बता रही साजिश की नींव। अब देखना ये है कि ये सफाई किसके वोट बहा ले जाएगी… ममता की सत्ता, या विपक्ष का सपना!
क्योंकि बंगाल में अब शुरू होने वाला है SIR WAR — नाम का खेल, सत्ता की जंग! तो तैयार रहिए… क्योंकि अगला पत्ता गिरेगा वोटर लिस्ट से — या ममता के किले से!



