सुप्रीम कोर्ट में न्याय के मंदिर पर हमला | देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई पर एक शख्स ने सरेआम जूता फेंक दिया | यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा पर सीधा वार है |
इस शर्मनाक, घृणित और अभूतपूर्व घटना से पूरा देश स्तब्ध है | क्या यह एक अकेला पागलपन था, या इसके पीछे कोई गहरा षड्यंत्र है जो देश के सर्वोच्च न्यायिक पद को डराना चाहता है?
मामले की गंभीरता को समझते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने तुरंत CJI गवई को फोन किया और उनका हालचाल जाना, घटना को अत्यंत निंदनीय बताया | कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने इसे विधि के शासन और संविधान की भावना पर हमला बताया | खरगे ने तो इसे समाज में व्याप्त घृणा और कट्टरता का नतीजा तक करार दिया |
एक ऐसे CJI, जो अपनी योग्यता से समाज के बंधनों को तोड़कर शिखर पर पहुँचे हैं, उन्हें क्यों निशाना बनाया गया? क्या यह हमला संविधान रक्षक को चुप कराने की हताश कोशिश है? इस हमले के पीछे की असली वजह क्या है और न्यायपालिका की सुरक्षा पर अब क्या होगा? देश जानना चाहता है |



