baccho ke liye social media par tala 10 december se shuru ho jayega naya kanun

बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर ताला, 10 दिसंबर से शुरू हो जाएगा नया कानून

सोचिए, अगर कल सुबह आप अपने बच्चे का फोन खोलें और फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट सब अचानक बंद… अकाउंट गायब। क्या होगा? ऑस्ट्रेलिया में कुछ ऐसा ही होने जा रहा है। 10 दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चे अब इन बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अकाउंट नहीं बना सकेंगे। सरकार इसे ‘बैन’ नहीं, बल्कि बचाव की दीवार बता रही है। कहा जा रहा है कि यह बच्चों को ऑनलाइन जहर से, अनदेखी धमकियों से, साइबर बुलिंग की आग से बचाने का कदम है। लेकिन सवाल यह है कि क्या सच में सोशल मीडिया बच्चों के लिए इतना खतरनाक बन गया है कि देशभर में डिजिटल लॉकडाउन लगाना पड़े?

सरकार का दावा है कि इस कानून में बच्चे या उनके माता-पिता को कोई सज़ा नहीं मिलेगी। असली जिम्मेदारी उठानी होगी उन सोशल मीडिया कंपनियों को जो अब तक कहते आए थे कि उनका प्लेटफॉर्म सुरक्षित है। अब उनसे कहा गया है कि अगर तुम बच्चों को अपने प्लेटफॉर्म पर आने दोगे, तो कीमत चुकाओगे… और वो भी छोटी नहीं। लगभग 400 करोड़ रुपए तक का जुर्माना। जी हाँ, 400 करोड़। यह सिर्फ चेतावनी नहीं, एक सीधा संदेश है कि अब खेल बदल गया है।

फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, स्नैपचैट, X, रेडिट, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर 16 से कम उम्र वाला कोई बच्चा न तो अकाउंट बना पाएगा और न ही पोस्ट, लाइक या कमेंट कर पाएगा। हाँ, वे सिर्फ वीडियो देख सकते हैं, लेकिन बिना पहचान, बिना इंटरैक्शन। वहीं दूसरी ओर रोब्लॉक्स, डिस्कॉर्ड, वॉट्सऐप, और गूगल क्लासरूम जैसे प्लेटफॉर्म कुछ समय के लिए इस बैन से बाहर हैं। इससे एक बड़ा सवाल उठता है: क्या यह बैन पूरी तरह निष्पक्ष है, या यह बस शुरुआत है?

लेकिन असली सस्पेंस यह है कि मौजूदा बच्चों के अकाउंट का क्या होगा? जवाब है: प्लेटफॉर्म्स को खुद उन्हें हटाना होगा। उन्हें उम्र का पता लगाने के लिए ‘एज सिग्नल’ चेक करने होंगे। प्रोफाइल पिक्चर से लेकर चैट पैटर्न तक, सब पर नज़र रखी जाएगी। यानी अब डिजिटल दुनिया में भी पहचान की उम्र मायने रखेगी।

और अगर यह कानून दुनिया को रास आ गया… तो हो सकता है अगला नंबर किसी और देश का हो।

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