भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष और सीजफायर को लेकर बड़ा खुलासा | जी हाँ, पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के दावे को सीधा खारिज कर दिया है | ट्रम्प बार-बार कहते रहे कि दोनों देशों के बीच उनकी मध्यस्थता से युद्ध विराम हुआ, लेकिन डार ने अल-जजीरा को दिए इंटरव्यू में पहली बार माना कि भारत ने कभी भी तीसरे देश की दखलअंदाजी स्वीकार नहीं की |
एक ऐसा खुलासा, जो सीधे तौर पर डोनाल्ड ट्रम्प के उन 30 से ज़्यादा दावों को खारिज करता है, जिसमें वो सीजफायर का क्रेडिट लेते आए हैं | डार ने पहली बार कैमरे पर माना कि भारत ने किसी भी तीसरे देश की दखलंदाजी को हमेशा ठुकराया है |
तो फिर सवाल उठता है कि ट्रम्प किसके कहने पर ये दावा कर रहे थे? क्या ये सिर्फ एक चुनावी स्टंट था या इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी? और जब पाकिस्तान खुद मान रहा है कि ये द्विपक्षीय मामला था, तो भारत में विपक्ष क्यों सरकार पर सवाल उठा रहा था?
डार ने माना कि पाकिस्तान बातचीत के लिए हमेशा तैयार था, लेकिन भारत ने साफ कह दिया—यह सिर्फ द्विपक्षीय मसला है, किसी तीसरे को जगह नहीं | यही नहीं, अमेरिका ने दोनों देशों की मीटिंग के लिए तटस्थ जगह का प्रस्ताव दिया था, जिसे भारत ने ठुकरा दिया |
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी डार का बयान शेयर कर राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा—अब साफ हो गया कि भारत ने किसी तीसरे पक्ष को कभी भी मान्यता नहीं दी |
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह बयान पाकिस्तान की मजबूरी दिखाता है, या भारत की कूटनीति की जीत? और ट्रम्प आखिर क्यों बार-बार सीजफायर का श्रेय लेने पर अड़े रहे? कहानी के असली खिलाड़ी कौन हैं?



