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नाम नहीं सोच बदली है, PMO, सचिवालय, राजभवन तीनों के नाम बदले, नई व्यवस्था की दस्तक

देश की प्रशासनिक पहचान बदल रही है… और आज की सबसे बड़ी BREAKING इसी बदलाव की है! दोस्तों, ज़रा थाम लीजिए अपनी सीटें… क्योंकि भारत की सत्ता संरचना आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर पहुंच चुकी है! जी हाँ—प्रधानमंत्री कार्यालय यानी PMO अब अपने पुराने नाम से नहीं जाना जाएगा! अब इसका नया नाम है—‘सेवा तीर्थ’। सुनकर ही महसूस होता है… सत्ता से सेवा की ओर एक जबरदस्त सांस्कृतिक बदलाव!

लेकिन ठहरिए… कहानी यहीं खत्म नहीं होती! देशभर के राज्य भवन… जो अब तक ‘राजभवन’ के नाम से जाने जाते थे… अब कहलाएंगे ‘लोक भवन’। और केंद्रीय सचिवालय को नया नाम मिला है—‘कर्तव्य भवन’। मतलब अब हर दीवार, हर गलियारा और हर दफ्तर एक ही संदेश देगा—कर्तव्य, सेवा और राष्ट्र पहली प्राथमिकता!

सरकारी सूत्रों का कहना है—यह बदलाव सिर्फ प्रशासनिक नहीं… बल्कि हमारी सोच, हमारी संस्कृति और हमारे भविष्य का प्रतीक है। याद है न? राजपथ को भी कर्तव्य पथ किया गया था… और पीएम का निवास रेसकोर्स रोड नहीं, लोक कल्याण मार्ग कहलाता है। अब उसी कड़ी में यह सबसे बड़ा अपडेट आया है।

और अब बात उस खबर की… जिसने सबको चौंका दिया—78 साल पुराने साउथ ब्लॉक से PMO शिफ्ट होकर नए एडवांस्ड कैंपस ‘सेवा तीर्थ’ में जा रहा है!
सेवा तीर्थ–1 में PMO, सेवा तीर्थ–2 में कैबिनेट सचिवालय, और सेवा तीर्थ–3 में NSA का दफ्तर होगा।

यही नहीं! सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन से लेकर प्रधानमंत्री-उपराष्ट्रपति आवास तक… पूरे प्रशासनिक ढांचे को नया रूप दिया जा रहा है। गृह मंत्रालय भी नॉर्थ ब्लॉक छोड़कर कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट में शिफ्ट हो रहा है। और नॉर्थ–साउथ ब्लॉक? इन्हें बदला जाएगा दुनिया के सबसे बड़े ‘युगे-युगेन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ में, जिसमें 30 हजार तक कलाकृतियां होंगी!

भारत बदल रहा है… नाम नहीं, पहचान बदल रही है! सत्ता नहीं… सेवा आगे बढ़ रही है!

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