अब आपके नए मोबाइल में एक ऐसा एप आने वाला है… जो चोरों की रातों की नींद उड़ाने वाला है और साइबर अपराधियों की कमर तोड़ने वाला है!
दोस्तों, आज की सबसे बड़ी ब्रेकिंग साइबर न्यूज़! सरकार ने मोबाइल कंपनियों को सिर्फ 90 दिन की डेडलाइन दे दी है… और आदेश बिल्कुल साफ है—हर नए स्मार्टफोन में ‘संचार साथी’ ऐप प्री-इंस्टॉल करके ही बेचना होगा! सोचिए! अब फोन खरीदते ही आपको एक ऐसी डिजिटल ढाल मिल जाएगी, जो साइबर फ्रॉड से लेकर मोबाइल चोरी तक… सबको मिनटों में पकड़ लेगी!
लेकिन सुनिए असली ट्विस्ट! यह ऐप आप डिलीट भी नहीं कर पाएंगे, डिसेबल भी नहीं कर पाएंगे! और एक और बड़ा कदम—पुराने फोन में भी सॉफ्टवेयर अपडेट से यह ऐप खुद-ब-खुद आ जाएगा! रॉयटर्स की रिपोर्ट कहती है कि यह ऑर्डर सीधे Apple, Samsung, Vivo, Oppo और Xiaomi जैसी कंपनियों को भेजा गया है… और अभी इसे पब्लिक के लिए जारी भी नहीं किया गया है। यानी सरकार चुपचाप… साइबर क्राइम पर सबसे बड़ा डिजिटल वार करने की तैयारी में है!
आप सोच रहे होंगे… आखिर इस ऐप में ऐसा क्या है? तो सुनिए—संचार साथी ऐप से अब तक 7 लाख से ज्यादा चोरी हुए फोन वापस मिल चुके हैं! यही नहीं… यह ऐप फर्जी IMEI नंबर, स्कैम कॉल, स्पैम मैसेज और नेटवर्क मिसयूज़—सबका रियल टाइम में भंडाफोड़ कर देता है! भारत में 1.2 अरब मोबाइल यूजर्स हैं… और IMEI क्लोनिंग साइबर क्राइम का सबसे बड़ा हथियार बन चुकी है। सरकार का कहना है—यह ऐप पुलिस को डिवाइस ट्रेस करने में सुपरफास्ट मदद करेगा।
लेकिन यहाँ एक ड्रामा भी है… Apple की इंटरनल पॉलिसी किसी भी सरकारी थर्ड-पार्टी ऐप को प्री-इंस्टॉल करने की अनुमति ही नहीं देती! यानी सबसे बड़ा सवाल—क्या Apple सरकार के आगे झुकेगा? क्या भारत में iPhone यूजर्स को भी यह सिक्योरिटी ऐप लेना ही पड़ेगा? इंडस्ट्री में इसके लिए बैकडोर नेगोशिएशन शुरू होने की खबरें तेज हैं!
एक बात तय है—अब साइबर अपराधियों के अच्छे दिन खत्म… और यूजर्स की सुरक्षा के सुपर दिन शुरू! संचार साथी —अब हर फोन की डिजिटल कवच, और हर यूजर की साइबर ढाल!



