दोस्तों, 4 दिसंबर को दुनिया की नज़रें भारत पर टिकी होंगी… क्योंकि रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद पहली बार व्लादिमीर पुतिन भारत आ रहे हैं! ये सिर्फ एक विज़िट नहीं… एक गेम-चेंजर मोमेंट हो सकता है!
4 दिसंबर से शुरू होने वाली इस 2-दिवसीय हाई प्रोफाइल इंडिया-रूस समिट में ऐसी-ऐसी डील्स पर बात होगी, जिनसे भारत की सुरक्षा, ऊर्जा और विदेशी व्यापार का पूरा समीकरण बदल सकता है। पुतिन PM मोदी से मिलेंगे और यहां से शुरू होगा डिफेंस + एनर्जी + ट्रेड का बड़ा खेल!
सबसे बड़ा सवाल… क्या भारत रूस से S-400 के और सिस्टम खरीदेगा? क्योंकि पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में इनकी परफॉर्मेंस ने सभी को चौंका दिया था। रूस तो यहां तक कह रहा है कि वो भारत को अपना सबसे एडवांस्ड SU-57 स्टेल्थ फाइटर जेट भी देने को तैयार है! और चर्चा S-500, ब्रह्मोस NEXT वर्जन और मिलकर वॉरशिप बनाने तक जा सकती है। क्या ये भारत की मिलिट्री को एक नई सुपर-पावर लेवल बूस्ट देगा? Suspense बरकरार है!
भारत सस्ते दाम पर रूसी तेल खरीद रहा है… लेकिन अमेरिका ने 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया है। तो क्या पुतिन की इस विज़िट में भारत-रूस नया पेमेंट सिस्टम बनाएंगे? क्या रुपया–रूबल ट्रेड या डिजिटल पेमेंट मॉडल अमेरिका के दबाव को तोड़ देगा? ये फैसला भारत को ऊर्जा के खेल में और ताकतवर बना सकता है।
रूस में वर्कर्स की भारी कमी है और वो चाहता है कि भारत के टेक, मेडिकल और इंजीनियरिंग एक्सपर्ट वहां जाकर काम करें। अगर समझौता हुआ तो लाखों भारतीयों के लिए विदेश में नई नौकरी के दरवाजे खुल सकते हैं! ये यात्रा इसलिए भी खास है क्योंकि ICC वारंट के बाद पुतिन कई देशों से दूरी बनाए हुए हैं… पर भारत के लिए वो ख़ुद आ रहे हैं। यानी दुनिया के पावर-गेम में भारत की अहमियत कितनी बढ़ चुकी है… ये खुद पुतिन की विज़िट साबित करती है!
4 दिसंबर… सिर्फ एक तारीख नहीं—ये वो दिन है जब भारत और रूस नई दिशा तय करेंगे, और दुनिया इसकी गूंज सालों तक सुनेगी!



