दोस्तों… दुनिया की सुरक्षा अब पहियों पर दौड़ने वाली एक ऐसी ताक़त से बदलने वाली है, जिसे देखकर ड्रोन भी कांप जाएंगे! जहाँ ड्रोन खामोशी से सीमा पार करते हैं, वहीं अब भारत की ये नई गाड़ी उन्हें 10 किलोमीटर दूर से सूँघ लेगी! जी हाँ—इंद्रजाल रेंजर सिर्फ देखता नहीं… ट्रैक करता है, पीछा करता है और 4 किलोमीटर दूर से सीधा खत्म कर देता है!
भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि भविष्य की सुरक्षा कैसी दिखती है। सोचिए, एक ऐसा व्हीकल जो सिर्फ चलता नहीं, बल्कि 10 किलोमीटर दूर उड़ रहे दुश्मन ड्रोन की सांसें रोक दे, उसकी हर मूवमेंट पढ़ ले और सिर्फ 4 किलोमीटर की दूरी से उसे खत्म भी कर दे। यही है नया इंद्रजाल रेंजर—दुनिया का पहला फुली मोबाइल AI-इनेबल्ड एंटी-ड्रोन पैट्रोल व्हीकल, जिसने सुरक्षा की परिभाषा बदल दी है। लेकिन असली सवाल यह है कि इस गाड़ी में आखिर ऐसा कौन-सा हिडन सीक्रेट है जो इसे बाकी दुनिया से दस कदम आगे ले जाता है?
हैदराबाद में ‘टी-हब’ इवेंट के लाइव डेमो में जब यह मशीन चलती हुई दिखी, तो भीड़ की एक ही प्रतिक्रिया थी—“ये तो कोई साइंस-फिक्शन फिल्म से निकली टेक लग रही है!” लेकिन नहीं, यह 100% मेड इन इंडिया है। इसे इंद्रजाल ड्रोन डिफेंस ने खास तौर पर उन ड्रोन खतरों को खत्म करने के लिए बनाया है जो शहरों, बॉर्डर्स और क्रिटिकल एरियाज पर मंडराते रहते हैं। अंदर बैठा ऑपरेटर सिर्फ एक मल्टी-टच स्क्रीन पर कमांड देता है, और AI सिस्टम SKYOS बाकी काम खुद संभाल लेता है। GNSS स्पूफिंग, RF जैमिंग, लेजर यूनिट्स, किल स्विच—हर फीचर ऐसा कि लगे जैसे किसी मिशन-इम्पॉसिबल ऑपरेशन का हिस्सा हो।
अब ज़रा सोचिए—कौन-सा व्हीकल 180 kmph की रफ्तार से दौड़ सकता है, 0 से 100 सिर्फ 10 सेकंड में पकड़ सकता है, और साथ ही दुश्मन ड्रोन को हवा में ही खत्म कर सकता है? यही है इंद्रजाल रेंजर, जो टोयोटा हाइलक्स के 2.8-लीटर इंजन की जानदार ताकत और सैन्य-ग्रेड प्रोटेक्शन के साथ आता है। बॉर्डर पर ड्रग्स और हथियारों की स्मगलिंग रोकने से लेकर शहरों को सुरक्षित रखने तक—यह एक ऐसा हथियार है जो आने वाले समय में भारत की सुरक्षा को एक नए युग में ले जाएगा। सबसे बड़ा सवाल बस यही है—क्या यह टेक्नोलॉजी भारत को दुनिया का डिफेंस ट्रेंडसेटर बना देगी? जवाब शायद वही है, जो इंद्रजाल रेंजर हर टेस्ट में दे रहा है— अब आसमान भी सुरक्षित है।



