बिहार में छठ की गूंज के बीच सियासत का तूफ़ान और इस बार राहुल गांधी फंस गए हैं कानूनी पचड़े में! मुजफ्फरपुर की अदालत में दर्ज हुआ केस… और 11 नवंबर को होगी सुनवाई! क्या बिहार की राजनीति का तापमान अब और बढ़ने वाला है? चलिए जानते हैं पूरा मामला!
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बिहार चुनावी रैली के दौरान ऐसा बयान दे दिया जिसने सियासी हलचल मचा दी है। मुजफ्फरपुर के जाने-माने अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने उनके खिलाफ CJM कोर्ट में परिवाद दायर किया है।
ओझा का आरोप है — राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा कि, वोट के लिए पीएम स्टेज पर नाच भी लेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं! छठ पर्व — जिसे लोक आस्था का महापर्व कहा जाता है — उस पर भी उन्होंने ड्रामा जैसे शब्द का इस्तेमाल किया। बस, फिर क्या था! बिहार की जनता और धार्मिक संगठनों में रोष की लहर दौड़ गई!
अधिवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से करोड़ों हिंदुओं और बिहारवासियों की भावनाएं आहत हुई हैं! उन्होंने परिवाद में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएँ 298, 356(2), 352 और 353 के तहत केस दर्ज कराया है — यानी मामला सीधा भावनाओं से छेड़छाड़ और अपमान का!
अब ये केस पहुंच चुका है मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) की अदालत में — जहां अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। और तब तय होगा कि राहुल गांधी को समन मिलेगा या सफाई का मौका! क्या ये मामला केवल एक राजनीतिक ड्रामा है — या फिर सच में कानूनी जाल कसता जा रहा है राहुल गांधी के इर्द-गिर्द?
क्योंकि ध्यान दीजिए… ये वही सुधीर कुमार ओझा हैं, जो पहले भी कई बड़े नेताओं — सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, अरविंद केजरीवाल तक — के खिलाफ परिवाद दर्ज कर चुके हैं। अब देखना दिलचस्प होगा — क्या इस बार भी मामला सिर्फ सुर्खियों तक सिमट जाएगा… या राहुल गांधी को वाकई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना पड़ेगा!
तो बिहार की राजनीति में छठ से पहले सियासी महापर्व शुरू हो चुका है… राहुल गांधी बनाम बिहार की आस्था! अब देखना ये है — 11 नवंबर को फैसला होगा सियासत के मंच पर, या अदालत के दरबार में! क्योंकि राजनीति में शब्द तीर बन जाते हैं — और इस बार वो तीर, सीधे जा लगा छठ और बिहार की भावनाओं पर!



