बिहार की सियासत में आज आया है सबसे बड़ा धमाका! तेजस्वी यादव का एक्शन मोड ऑन! RJD में चला अनुशासन का बुलडोज़र, महिला मोर्चा की अध्यक्ष ऋतु जायसवाल, दो-दो विधायक, और कुल 27 बागियों को—सीधे 6 साल के लिए बाहर का रास्ता!
जी हाँ, चुनाव से पहले तेजस्वी का ये फैसला न सिर्फ सियासी झटका है, बल्कि एक संदेश भी है कि अब RJD में बगावत नहीं, सिर्फ आज्ञा चलेगी!
लेकिन सवाल ये है क्या ये अनुशासन दिखाने की कोशिश RJD को मजबूत बनाएगी, या बागियों की बगावत से कमज़ोर पड़ जाएगी पार्टी की जड़ें? आज हम खोलेंगे उस राजनीतिक चाल का रहस्य, जिससे तेजस्वी ने बिहार की सियासत में मचा दी है हलचल!
जानकारी के मुताबिक, ये सभी नेता पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय मैदान में उतर चुके थे या फिर विरोधी खेमे को अंदरखाने से सपोर्ट दे रहे थे। तेजस्वी यादव ने साफ कह दिया — RJD में जगह है तो सिर्फ अनुशासित सिपाहियों की! यानी, गुटबाज़ी और बगावत अब बर्दाश्त नहीं!
लेकिन इस एक्शन के दो पहलू हैं — पहला, तेजस्वी का Zero Tolerance Message — “जो पार्टी लाइन से हटेगा, वो बाहर जाएगा।” और दूसरा, राजनीतिक नुकसान का खतरा — क्योंकि इन बागी नेताओं का असर कई सीटों पर RJD को भारी पड़ सकता है!
कहा जा रहा है कि इन बागियों के NDA से जुड़ने की भी चर्चाएं तेज हैं तो क्या तेजस्वी ने साफ-सुथरी छवि के लिए जोखिम भरा दांव खेला है? या ये एक Masterstroke है जो पूरे चुनाव समीकरण को बदल देगा?
तेजस्वी यादव का ये कदम साफ संदेश देता है — “नेतृत्व से ऊपर कोई नहीं! पार्टी विरोधी अब बाहर!” और यही बात बिहार की राजनीति को इस वक्त सबसे गरम और दिलचस्प बना रही है!
तो दोस्तों, चुनाव से पहले ही शुरू हो चुकी है ‘बागियों की सफाई मिशन’! तेजस्वी का ये बड़ा एक्शन क्या बनेगा RJD की ताकत या खुद पार्टी के लिए सिरदर्द?



