sasti sevao par mahangai ka vaar gst katauti bani tax bam sarkar ne mani galti ab hogi janch

सस्ती सेवाओं पर महंगाई का वार GST कटौती बनी टैक्स बम सरकार ने मानी गलती, अब होगी जाँच

दोस्तों, GST कटौती का फायदा उल्टा पड़ा, सस्ते होने की उम्मीद थी लेकिन महंगे हो गए, जिसका पूरा असर पड़ा ग्राहकों की जेब पर |

जी हाँ, आज हम एक ऐसे ‘सरकारी रहस्य’ से पर्दा उठाएंगे जिसने आपकी जेब पर सीधे हमला किया है। आपने भी सोचा होगा कि 22 सितंबर से GST 18% से घटकर 5% होने के बाद सैलून जाना, जिम करना या योग सीखना एकदम सस्ता हो जाएगा लेकिन यहाँ तो सब उल्टा हो गया | सस्ती सेवाओं पर GST कटौती टैक्स बम बनकर महंगाई का वार किया है यही नहीं सरकार ने भी गलती मानकर जाँच के आदेश दिए |

दरअसल दोस्तों, सरकार ने सभी की सुविधा के लिए ब्यूटी और फिटनेस इंडस्ट्री जैसी सेवाओं पर 22 सितंबर से GST 18% से घटाकर 5% कर दिया। सरकार के इस फैसले से सभी खुश थे और सोच रहे थे – वाह! अब सैलून, जिम, योगा क्लास और फिटनेस सेंटर की सेवाएं सस्ती हो जाएंगी। लेकिन क्या आपको पता है, इस ‘उपहार’ के पीछे एक ‘गुप्त शर्त’ छिपी थी?

असल में, GST कम करने के साथ ही सरकार ने एक बड़ा दाँव खेला | और वो है इन सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुविधा को खत्म करना । यानि कारोबारियों को बिजली, किराए और उपकरणों पर दिए गए टैक्स का जो ‘रिफंड’ देता था, उसे अचानक बंद कर दिया गया।

जिसके कारण अब ब्यूटी पार्लर, जिम और योगा सेंटर वालो को यह सारा बोझ खुद उठाना पड़ा। और ‘मजबूरी’ में यह सारा खर्च… उन्होंने चुपचाप आपकी जेब पर डाल दिया!

रिपोर्ट्स बताती हैं कि सेवाओं की कीमतें 10% से 20% तक बढ़ गई हैं। सोचिए, एक तरफ ‘सस्ती सेवा’ का दावा, दूसरी तरफ ‘बढ़ती कीमत’ का वार! ग्राहक हैरान हैं और कारोबारियों का कहना है कि वे ‘मजबूर’ हैं।

पर अब इस ‘टैक्स घोटाले’ पर बड़ा अपडेट है! सरकार ने खुद यह ‘गड़बड़ी’ मान ली है। उच्च अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि ITC हटने से कीमतें बढ़ी हैं और ग्राहकों को फायदा नहीं मिला। और यहीं से सस्पेंस शुरू होता है!

सरकार ने अब ‘जाँच का डंडा’ उठाने की तैयारी कर ली है। शिकायतें मिली हैं और अधिकारी कह रहे हैं कि “जो ज्यादा GST वसूलेगा, उस पर कार्रवाई होगी!” पर सवाल यह है कि असंगठित बाजार को कैसे नियंत्रित करेंगे? क्या अब सैलून और जिम के दाम कम होंगे या आपकी जेब से और पैसा निकलेगा?

क्या यह पूरा मामला केवल GST सिस्टम की एक खामी है या फिर ‘कर राहत’ के नाम पर आपकी जेब काटने का एक नया तरीका? सरकार की जाँच में क्या सामने आता है? क्या आपको अपनी बढ़ी हुई कीमतों का रिफंड मिलेगा?

तो दोस्तों, आपकी राय क्या है? क्या ये कीमतें सही हैं या ग्राहकों की जेब पर ज़्यादा भार डाल रही हैं? कमेंट कर बताइए

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *