छठ की आरती के बाद अब उठेगा सियासत का सूरज और उसकी रोशनी में कौन चमकेगा, कौन बुझेगा, ये तय होगा 40 दिन की इस चुनावी जंग में |
बिहार में छठ पूजा की शांत लहर के बाद अब उठने वाला है राजनीति का तूफ़ान | चुनाव आयोग ने ऐलान कर दिया है 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी, और 14 नवंबर को खुलेगा नतीजों का पिटारा | लेकिन इस बार की कहानी कुछ अलग है 40 साल बाद सिर्फ 2 फेज में चुनाव | इतिहास गवाह है जब भी बिहार ने जल्दी चुनाव किए हैं, नतीजे भी चौकाने वाले रहे हैं |
बिहार की 243 सीटों पर सत्ता का सिंहासन कौन संभालेगा? क्या नीतीश कुमार का तिलिस्म चलेगा? या क्या लालू परिवार फिर सत्ता में लौटेगा? या फिर भाजपा करेगी पलटवार? इसका फैसला होगा 40 दिन की सबसे छोटी चुनाव प्रक्रिया में | जिसने सियासी गलियारों में सस्पेंस और करिश्माई उत्सुकता भर दी है |
पहले फेज की वोटिंग छठ महापर्व के ठीक 8 दिन बाद 6 नवंबर को होगी, जबकि दूसरे फेज की वोटिंग 11 नवंबर को होगी | क्या छठ पर घर आए 7.42 करोड़ मतदाता, जिनमें 14 लाख पहली बार वोट डालेंगे, अपने जनादेश से इतिहास रचेंगे?
महज 40 दिनों के इस मिनी-इलेक्शन में क्या सभी दलों की किस्मत का फैसला हो पाएगा? 14 नवंबर को पता चलेगा कि बिहार की जनता ने किसके पक्ष में वोट किया है और कौन सत्ता की कुर्सी संभालेगा | और पहली बार मोबाइल ले जाने की छूट के साथ, हर वोटर इतिहास का साक्षी बनेगा | तकनीक और लोकतंत्र की ऐसी जोड़ी पहले कभी नहीं देखी गई |
तो तैयार रहिए छठ के बाद सियासत का अगला पर्व शुरू होने वाला है | तारीख नोट कर लें 6, 11 और 14 नवंबर, क्योंकि इस बार सिर्फ चुनाव नहीं, बिहार की नई किस्मत लिखी जाएगी | देखना दिलचस्प होगा कि यह कम समय की प्रक्रिया, और 40 साल बाद का यह दो-फेज वाला फॉर्मूला बिहार की राजनीतिक तस्वीर को कैसे बदलता है? कौन बनेगा बिहार का बादशाह, और कौन होगा जनता के ग़ुस्से का निशाना ये राज खुलेगा 14 नवंबर को |



