नमस्कार, कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है | सवाल यह है कि क्या राज्य को जल्द ही एक नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है? सत्ता के गलियारों में चल रही फुसफुसाहट अब खुलकर सामने आ रही है और इसकी गूंज सीधे दिल्ली तक सुनाई दे रही है |
कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की बहस अचानक तेज हो गई है, और इसकी वजह बने हैं कुनिगल से कांग्रेस विधायक एच |डी | रंगनाथ | बुधवार को उन्होंने जो बयान दिया, उसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है | रंगनाथ ने खुले तौर पर कहा कि वह अपने “राजनीतिक गुरु” और उपमुख्यमंत्री डी |के | शिवकुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं | उन्होंने जोर देकर कहा कि 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की शानदार जीत का श्रेय शिवकुमार को जाता है, और अब आलाकमान को उनकी इस भूमिका को पहचानना चाहिए |
रंगनाथ का यह बयान महज एक इच्छा नहीं, बल्कि एक संकेत है | उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यह “वास्तविकता” का रूप लेगा | जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवकुमार इस साल नवंबर में मुख्यमंत्री बनेंगे, तो उन्होंने चुप्पी साध ली, लेकिन उनका मौन बहुत कुछ कह गया | उन्होंने बस इतना कहा कि यह फैसला आलाकमान पर निर्भर करता है |
इसी तरह की राय मांड्या के पूर्व सांसद एल |आर | शिवराम गौड़ा ने भी व्यक्त की | उन्होंने साफ कहा कि शिवकुमार का भविष्य उज्ज्वल है और इस पर कोई संदेह नहीं है |
ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब सिद्धारमैया सरकार के कार्यकाल को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है | सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है? क्या पर्दे के पीछे कोई बड़ी रणनीति चल रही है? क्या पार्टी आलाकमान ने कर्नाटक के लिए कोई नया रोडमैप तैयार कर लिया है? ये वो सवाल हैं जिनके जवाब आने वाले दिनों में सामने आएंगे | एक बात तो तय है, कर्नाटक की राजनीति में सत्ता परिवर्तन की हवा तेज हो चुकी है और अब निगाहें कांग्रेस आलाकमान के अगले कदम पर टिकी हैं | क्या सिद्धारमैया अपनी कुर्सी बचा पाएंगे या शिवकुमार का सपना साकार होगा? यह देखना दिलचस्प होगा |



