जापान के पीएम ने हार मान ली, जी हाँ दोस्तों जापान की राजनीति में आज एक ऐसा भूकंप आया है, जिसकी गूंज दूर तक सुनाई देगी | सत्ता के सबसे बड़े केंद्र, प्रधानमंत्री आवास में हफ्तों से चल रही हलचल का चौंकाने वाला फैसला आ गया है | क्या यह अंत है, या बस एक नई शुरुआत?
दरअसल, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने इस्तीफा देने का फैसला किया है | इशिबा ने यह कदम सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के भीतर विभाजन से बचने के लिए उठाया है | यह सिर्फ एक इस्तीफा नहीं, बल्कि एक हारी हुई जंग का परिणाम है |
जुलाई में, जब उनकी पार्टी ऊपरी सदन में बुरी तरह हारी, तब भी इशिबा ने पद नहीं छोड़ा | उन्होंने कहा था, “मैं हार नहीं मानूंगा |” लेकिन पिछले तीन प्रधानमंत्रियों की तरह ही, उन पर भी दबाव बढ़ता गया | अमेरिकी टैरिफ से परेशान जनता की नाराजगी, महंगाई का बोझ और पार्टी के भीतर ‘इशिबा हटाओ’ की बगावत ने उन्हें उस मुकाम पर ला खड़ा किया, जहाँ उनके पास सिर्फ एक ही रास्ता बचा था: कुर्सी छोड़ना!
यह जापान के इतिहास में पहली बार हुआ है जब सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) ने संसद के दोनों सदनों में अपना बहुमत खो दिया हो | सवाल यह है कि क्या इशिबा का यह बलिदान पार्टी को टूटने से बचा पाएगा? अब सत्ता की दौड़ शुरू हो चुकी है | साने ताकाइची, ताकायुकी कोबायाशी और शिंजिरो कोइज़ुमी | इन तीनों में से कौन जापान की डगमगाती नाव को पार लगाएगा? क्या नया नेता देश में स्थिरता ला पाएगा?



