vande matram ke 150 saal sadan me hone ja raha itihas pm bhi judenge charcha me

वंदे मातरम् के 150 साल, सदन में होने जा रहा इतिहास, PM भी जुड़ेंगे चर्चा में

लोकसभा में आज राजनीतिक तापमान चरम पर! ‘वंदे मातरम्’ के 150 साल… और संसद में 10 घंटे की ऐतिहासिक बहस की तैयारी! क्या देश की राजनीति में एक नया मोड़ आने वाला है?

शीतकालीन सत्र शुरू होते ही संसद में हंगामा, नारेबाज़ी और आरोपों की बारिश! SIR और वोट चोरी के मुद्दे पर विपक्ष अड़ा है, जबकि सरकार खुलकर कह रही है—”बहस होगी… पूरी होगी… पर समय की बंदिश मत लगाइए!” मीडिया रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि गुरुवार-शुक्रवार को ‘वंदे मातरम्’ पर 10 घंटे की मेगा डिबेट हो सकती है… और PM मोदी खुद इसमें हिस्सा ले सकते हैं! क्या यह बहस सिर्फ एक चर्चा होगी… या कोई बड़ा राजनीतिक संदेश?

संसद के बाहर PM मोदी का बयान—”यह सत्र ड्रामा का नहीं, डिलीवरी का होना चाहिए!” नई पीढ़ी को अनुभव का फायदा मिले… नीति पर ज़ोर हो, नारों पर नहीं। राज्यसभा में उन्होंने नए सभापति का स्वागत किया, लेकिन माहौल तब गर्मा गया जब खड़गे ने पुराने सभापति धनखड़ के इस्तीफे पर सवाल उठा डाले। और फिर—JP नड्डा का पलटवार! “हार का दर्द हो तो डॉक्टर के पास जाइए!”

किरेन रिजिजू का बयान: “सरकार तैयार है… SIR पर भी चर्चा होगी, चुनावी सुधारों पर भी होगी… बस शर्तें मत लगाइए!” विपक्ष अपनी ज़िद पर, सरकार अपनी रणनीति पर—सत्र का हर मिनट राजनीति का रोमांच बढ़ा रहा है।

इधर, प्रियंका वाड्रा का तीखा वार— “हमारी ASHA बहनें देश की रीढ़ हैं… पर सरकार उन्हें वॉलंटियर कहकर उनका हक छीन रही है!” 40 घंटे काम, कम मानदेय… कोई सुविधाएं नहीं। प्रियंका का सवाल— “क्या सरकार उन्हें फॉर्मल एम्प्लॉई मानने का साहस दिखाएगी?” यह मुद्दा लगातार गरम है… और संसद में इसकी गूंज और तेज़ हो रही है।

तो तैयार रहिए… क्योंकि इस शीतकालीन सत्र में सिर्फ बहस नहीं—देश की राजनीति के अगले अध्याय की स्क्रिप्ट लिखी जा रही है!

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