Self dependent Congress rjd ko tension dekar bihar me 243 seats ka k3 plan

सेल्फ डिपेंडेंट कांग्रेस, RJD को टेंशन देकर बिहार में 243 सीटों का K3 प्लान, महागठबंधन में भूचाल

क्या बिहार की राजनीति में बड़ा विस्फोट होने वाला है? क्या महागठबंधन की नींव हिल चुकी है? चुनावी हार के बाद कांग्रेस ने ऐसा मास्टरस्ट्रोक खेला है, जिसने पूरे सियासी मैदान में हलचल मचा दी है!

बिहार में करारी हार के बाद कांग्रेस ने जो नई चाल चली है… वह सिर्फ स्ट्रैटेजी नहीं, बल्कि सत्ता की ओर वापस लौटने की जंग का ऐलान लग रही है। हाईकमान ने साफ आदेश दे दिया—अब 243 में से सिर्फ कुछ सीटों पर नहीं, बल्कि हर एक सीट पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत होगी। और खास बात… इस पूरे प्लान में आरजेडी का नाम नहीं, बस एक संदेश—“अब किसी के भरोसे नहीं… कांग्रेस खुद अपनी ताकत से लड़ेगी।” इससे बड़ा राजनीतिक संकेत और क्या होगा?

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में हुई बैठक में जिस सख़्ती का अंदाज़ दिखा… वह बताता है कि कांग्रेस अब डिपेंडेंसी की राजनीति खत्म कर रही है। अभी तक कांग्रेस कई जगह ‘आरजेडी के प्रभाव वाले इलाकों’ में चुप रहती थी… लेकिन अब लाइन क्लियर है— “पहले खुद को मज़बूत करो, तभी सहयोगी तुम्हें महत्व देंगे!” यह सिर्फ बयान नहीं… राजनीतिक चेतावनी है।

चुनाव में 61 सीट पर लड़कर सिर्फ 6 जीतना काँग्रेस के लिए बड़ा झटका था। कई उम्मीदवारों ने सीधे कह दिया—अब आरजेडी से अलग होकर लड़ना चाहिए। क्या यह महागठबंधन में दरार है? क्या कांग्रेस ने ‘साइलेंटली’ गठबंधन की दिशा बदल दी है? यह सवाल अब बिहार की सियासी गलियों में गूंज रहा है।

नई रणनीति के संकेत साफ हैं—
✔ आरजेडी पर निर्भरता खत्म
✔ सभी 243 सीटों पर कैडर खड़ा
✔ अनुशासनहीन नेताओं पर सख्त कार्रवाई
✔ कांग्रेस अब ‘पार्टनर’ नहीं… प्रतिस्पर्धी बनेगी

और यही बनाता है इस कहानी को बिहार राजनीति का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट!

बिहार में सियासी तूफ़ान आने वाला है… और इसकी पहली गड़गड़ाहट कांग्रेस के दफ्तर से सुनाई दे रही है! अब देखना यह है—आरजेडी इसका जवाब कैसे देती है… और आने वाले चुनाव में मैदान किसके हाथ लगता है!

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