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धर्मध्वजा पर राजनीति? भारत बोला बस बहुत हुआ! पाकिस्तान, अब हमें ज्ञान मत दो

अयोध्या के राम मंदिर में पीएम मोदी द्वारा ध्वजारोहण के बाद पाकिस्तान ने जो बयान दिया, उस पर भारत ने ऐसा करारा जवाब दिया कि पूरा मामला इंटरनेशनल सुर्खियों में छा गया!
लेकिन असली खेल क्या है? पाकिस्तान को आखिर मिर्च क्यों लगी? चलिए समझते हैं…

पाकिस्तान ने कहा कि राम मंदिर में ध्वजा फहराना भारत में ‘मुस्लिम विरासत मिटाने’ की कोशिश है। UN में दखल की मांग कर डाली! लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सीधे, साफ और तीखे शब्दों में कह दिया— “पाकिस्तान! अल्पसंख्यकों और कट्टरता पर हमें पाठ पढ़ाने की कोशिश मत करना… तुम्हें कोई अधिकार नहीं है।” अब सवाल उठता है—क्यों कहा ऐसा?

क्योंकि पाकिस्तान का अपना इतिहास… खूनी सच है! अल्पसंख्यकों पर हमले, लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन, चर्चों को जलाना—अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक 2025 की पहली छमाही में पाकिस्तान में ऐसे दर्जनों मामले हुए और वहां की सरकार ने हाथ तक नहीं उठाया! और सबसे चौंकाने वाली बात? 10 आरोपी जो चर्च जलाने के केस में पकड़े गए थे… उन्हें अदालत ने हाल ही में बरी कर दिया!

उधर, भारत में अयोध्या ने कल इतिहास रच दिया। सुबह 11:50 बजे अभिजीत मुहूर्त में… पीएम मोदी ने 161 फीट ऊंचे शिखर पर 2 किलो की केसरिया धर्मध्वजा फहराई। सदियों की प्रतीक्षा, करोड़ों लोगों की आस्था… और एक दिव्य क्षण का उदय! जहां एक तरफ पाकिस्तान निंदा कर रहा है… वहीं इजराइल ने भारत को खुले दिल से बधाई देते हुए कहा— “यह मानव सभ्यता के लिए बेहद महत्वपूर्ण क्षण है।”

तो कहानी साफ है… भारत की आस्था पर सवाल उठाने वाले बहुत हैं, लेकिन जवाब देने के लिए भारत ही काफी है! और राम मंदिर का ध्वजारोहण—केवल एक समारोह नहीं… यह भारत की सांस्कृतिक शक्ति का विश्व भर में गूंजता हुआ एलान है!

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