दोस्तों! एक भारतीय महिला का पासपोर्ट… चीन ने अचानक इनवैलिड बता दिया! और वजह सुनकर आपका खून खौल उठेगा!
ब्रिटेन में रहने वाली भारतीय मूल की महिला पेम वांगजॉम थांगडॉक के साथ चीन में जो हुआ… वह हर भारतीय के लिए चेतावनी है! शंघाई एयरपोर्ट पर चीनी अधिकारियों ने उनका पासपोर्ट फाड़ा नहीं, लेकिन उससे भी बड़ा वार किया—उसे ‘इनवैलिड’ घोषित कर दिया! सिर्फ इसलिए क्योंकि उनके पासपोर्ट पर जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश लिखा था। जी हां! वही अरुणाचल, जिसे चीन आज भी अपने नक्शे का हिस्सा बताने की ज़िद में है!
सोचिए… 3 घंटे का ट्रांजिट उनके लिए 18 घंटे का डर, तनाव और अपमान बन गया। पेम ने इंडिया टुडे को बताया कि चीनी इमिग्रेशन ने उनसे पूरे 18 घंटे पूछताछ की, हंसते रहे, तंज कसते रहे… यहां तक कि कहा— “अरुणाचल चाइना का हिस्सा है, तुम्हारा पासपोर्ट मान्य नहीं!” क्या ये सिर्फ बदसलूकी थी… या भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की प्लानिंग?
पेम का कहना है कि उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया, उन्हें फ्लाइट में नहीं जाने दिया गया, न ठीक से खाना दिया गया और एयरपोर्ट की सुविधाएं भी छीन ली गईं! इतना ही नहीं, उन पर दबाव डाला गया कि वे चाइना ईस्टर्न का नया टिकट खरीदें, तब ही पासपोर्ट लौटेगा! यह कोई ट्रांजिट नहीं… मानो बंदी बनाकर रखा गया हो।
आखिरकार ब्रिटेन में मौजूद एक दोस्त की मदद से उन्होंने शंघाई में भारतीय दूतावास से संपर्क किया। भारतीय अधिकारियों ने तुरंत दखल दिया और पेम को रात की फ्लाइट से वहां से सुरक्षित बाहर निकाला। लेकिन उन्होंने पीएम मोदी और भारत सरकार को लिखकर कहा—
“ये सिर्फ मेरा अपमान नहीं… पूरी अरुणाचल की पहचान पर हमला है!”
दोस्तों, याद रखिए—भारत कह चुका है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा! पर चीन आज भी इसे दक्षिण तिब्बत बताने की कोशिश में है।
अब सवाल है—क्या भारत सरकार इस मुद्दे को कड़े शब्दों में उठाएगी? क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी?
क्योंकि आज पेम फंसीं… कल कोई और भारतीय फंस सकता है!



