Tejas Crash ka sach Pilot ki galti ya badi technical chuk

Tejas Crash का सच, पायलट की गलती या बड़ी टेक्निकल चूक

इंटरनेशनल स्टेज पर भारत की शान—तेजस फाइटर जेट—शुक्रवार दोपहर दुबई एयरशो में ऐसा हादसे का शिकार हुआ कि कुछ ही सेकंड में रोमांच हड़कंप में बदल गया। भारतीय समयानुसार 3:40 बजे आसमान में करतब दिखाते तेजस ने जैसे ही एक हाई-G मैन्यूवर लिया… अचानक नोज-डाउन, और कुछ पलों में—धरती से सीधी टक्कर! धधकती आग… उठता हुआ काला गुबार… और हजारों दर्शक सन्न।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल—आख़िर गिरा क्यों तेजस? पायलट की चूक… या कोई मैकेनिकल फेल्योर? एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक शुरुआती विजुअल साफ बता रहे हैं कि जेट ने ऊंचाई तेजी से खोई, फिर रोल किया… पर कंट्रोल वापस नहीं आया। और यही 3 वजहें सामने आती हैं—

पहली—पायलट एरर। एयरशो में बेहद खतरनाक स्टंट—हाई-G टर्न, लो-लेवल फ्लाई, और तेज़ रोल—जरा-सी चूक भी प्लेन को अस्थिर कर सकती है। दूसरी—मैकेनिकल फेल्योर। इंजन पर अत्यधिक दबाव, हाइड्रॉलिक प्रॉब्लम, या कंट्रोल सिस्टम फेल—इनमें से कुछ भी जेट को अचानक नोज-डाइव में ला सकता है। तीसरी—स्ट्रक्चरल स्ट्रेस। हालांकि तेजस की बिल्ट क्वालिटी मजबूत मानी जाती है, लेकिन इतनी हाई-स्पीड मैन्यूवरिंग में किसी भी हिस्से पर एक्सट्रीम लोड पड़ता है।

लेकिन अब सबसे बड़ा झटका— क्या इस क्रैश से भारत की इंटरनेशनल इमेज हिलेगी? दुबई एयरशो में दुनिया भर की मिलिट्री और डिफेंस कंपनियां मौजूद थीं। तेजस को अर्जेंटीना, मलेशिया, इजिप्ट जैसे देशों को बेचने की कोशिश चल रही थी। ऐसे में यह हादसा न सिर्फ सवाल उठाता है, बल्कि भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट मिशन को भी बड़ा धक्का दे सकता है।

याद रहे—तेजस भारत का गौरव है। हल्का, शक्तिशाली और 50% स्वदेशी कंपोनेंट्स के साथ बना यह जेट, MiG-21 का आधुनिक विकल्प है। पर आज का क्रैश… एक सख्त चेतावनी है कि तकनीकी मजबूती और पायलट ट्रेनिंग—दोनों में और सुधार की जरूरत है।

और हां—यह पहला हादसा नहीं। मार्च 2024 में पोकरण में तेजस तकनीकी खराबी के कारण गिर चुका है। तब पायलट बच गया था… पर इस बार—भाग्य साथ नहीं था। आने वाली जांच तय करेगी कि ये गलती थी… या कमी। लेकिन आज का दिन—भारत के डिफेंस के लिए बड़ा सदमा है।

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