दोस्तों… क्या सच में पुरानी पेंशन योजना यानी OPS फिर से लागू होने वाली है? क्या वाकई लाखों सरकारी कर्मचारियों की ज़िंदगी में फिर से वही आर्थिक सुरक्षा लौटने वाली है? या फिर ये सिर्फ एक उम्मीद… और सरकार का सुनियोजित ‘क्लियर मैसेज’? आज की खबर आपके दिल की धड़कनें तेज कर सकती है, इसलिए ध्यान से सुनिए…
साल 2004 में जब OPS को खत्म कर NPS लागू की गई, तब कर्मचारियों से उनकी जीवनभर की गारंटीड पेंशन छिन गई थी। तब से एक ही आवाज़ गूंज रही है— OPS वापस लाओ। यही लड़ाई 2025 में और तेज हो गई, जब सरकार ने 1 अप्रैल 2025 को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) शुरू की। UPS को सरकार ने OPS और NPS का मिश्रण बताया— यानी योगदान भी रहेगा और थोड़ी सुरक्षा भी… लेकिन क्या यह सुरक्षा पुरानी पेंशन जैसी है? यहीं पर कहानी उलझती है।
क्योंकि जनवरी 2025 में 8वां वेतन आयोग घोषित हुआ… और वहीं से उम्मीदें फिर जागीं… क्या OPS लौट सकती है? लेकिन हालिया कैबिनेट मीटिंग ने इस उम्मीद को लगभग तोड़ दिया। वेतन आयोग को जारी Terms of Reference यानी आयोग की कार्य-सीमा में साफ लिखा है— रिपोर्ट बनाते समय आर्थिक स्थिति और राजकोषीय बोझ को प्राथमिकता दी जाएगी। यानी सीधी भाषा में… राजकोष पर भारी योजना वापस नहीं आएगी।
और OPS क्या है? सरकारी खजाने पर सबसे बड़ा भार। यानी संकेत साफ है— OPS अब इतिहास बन चुकी है। केंद्र कह चुका है, लौटने का सवाल ही नहीं। बस अब रास्ता है— NPS और नई UPS।
लेकिन सवाल आज भी वही है… क्या सुरक्षा बाजार पर आधारित हो सकती है? और इस सवाल का जवाब… आज भी लाखों कर्मचारी इंतज़ार कर रहे हैं।



