इस वक्त की सबसे बड़ी ख़बर! एक ऐसा दौरा जो दुनिया की दो सबसे पुरानी सभ्यताओं और आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं के बीच रिश्तों की दशा और दिशा बदलने वाला है | जी हां, पंख लगने को तैयार हैं भारत-ब्रिटेन के रिश्ते | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक आमंत्रण पर, ब्रिटिश राजनीति के दिग्गज और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर 8 और 9 अक्टूबर 2025 को भारत के तूफानी दौरे पर आ रहे हैं | यह उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा है, जिस पर सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि लंदन से लेकर न्यूयॉर्क तक की निगाहें टिकी हैं |
लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ यह एक औपचारिक दौरा है? या इसके पीछे छिपी है, कोई गुप्त रणनीति जो ग्लोबल पावर डायनामिक्स को चुनौती देगी? पीएम स्टार्मर 9 अक्टूबर को सीधे मुंबई पहुंचेंगे, जहां वह पीएम मोदी के साथ ‘विजन 2035’ के तहत चल रही ‘कम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ की समीक्षा करेंगे | 10 साल का यह विजन, सिर्फ व्यापार, रक्षा, शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह टेक्नोलॉजी और नवाचार की दुनिया में एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है |
मगर, इस मुलाकात का सबसे बड़ा सस्पेंस टिका है एक अक्षर पर: CETA यानी कम्प्रिहेंसिव इकॉनमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट | क्या दोनों नेता लंबे समय से अटके इस महा-समझौते को अंतिम रूप दे पाएंगे? क्या अरबों-खरबों के व्यापार के रास्ते खोलने वाला यह एग्रीमेंट, भारत और ब्रिटेन दोनों की तकदीर बदल देगा? दोनों देशों के उद्योगपति बेसब्री से उस ‘ऐलान’ का इंतज़ार कर रहे हैं, जो उनकी व्यापारिक दुनिया में भूचाल ला सकता है |
इससे भी बढ़कर, पीएम स्टार्मर ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के मंच पर होंगे | क्या वह वहां से कोई ऐसी डिजिटल घोषणा करेंगे, जो भारत के ‘डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर’ को विश्व मंच पर एक नया आयाम देगी? क्या भारत-ब्रिटेन मिलकर फिनटेक की दुनिया में कोई नया ‘कोड’ लिखने जा रहे हैं?
यह दौरा जुलाई में पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा से बनी ‘सकारात्मक गति’ को एक अभूतपूर्व मोड़ देने वाला है | दोनों नेताओं के बीच होने वाली यह उच्च-स्तरीय बातचीत, क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों के बीच एकजुटता का कौन सा नया संदेश देगी?



