केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कल देर रात पटना में बीजेपी नेताओं की धड़कनें बढ़ा दीं | ये सिर्फ एक बैठक नहीं थी; यह था मिशन बिहार के लिए अंतिम, निर्णायक दाँव!
पार्टी दफ्तर में, बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, दिलीप जायसवाल और देर से पहुँचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित तमाम बड़े चेहरे मौजूद थे | हवा में तनाव था, क्योंकि शाह का संदेश सीधा और तीखा था: गुटबाजी छोड़िए | कौन क्या है, भूल जाइए!
सूत्रों के मुताबिक, शाह ने जो ‘विनिंग फॉर्मूला’ दिया, उसने कई वरिष्ठ नेताओं के चेहरे का रंग बदल दिया | उन्होंने साफ कहा, आप नेता नहीं, सामान्य कार्यकर्ता बनकर लड़िए | आपकी पहचान नहीं, सिर्फ NDA की जीत प्राथमिकता है |
सवाल बड़ा है: क्या शाह की यह कठोर चेतावनी… बिहार की राजनीति में सब कुछ बदल देगी? क्या नेता व्यक्तिगत ईर्ष्या को छोड़कर एक हो पाएंगे? यह चुनाव सिर्फ बिहार के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश को एक बड़ा संदेश देने वाला है!
पर्दे के पीछे एक और बड़ा घटनाक्रम हुआ है | प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उम्मीदवारों की ‘स्क्रीनिंग’ के बाद बनी फाइनल लिस्ट शाह को सौंप दी है | कौन होगा उम्मीदवार? किसका टिकट कटेगा? कौन बनेगा शाह का नया ‘सिकंदर’? सस्पेंस बरकरार है! शाह पटना में नाइट स्टे पर हैं | आज उनका अगला कदम क्या होगा? सोशल मीडिया टीम को वह क्या नया ब्रह्मास्त्र देंगे?



