बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा मोड़ आ गया है | विधानसभा चुनावों से पहले, कांग्रेस ने पटना में ‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प योजना’ की घोषणा कर सियासी हलचल मचा दी है | इस योजना को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने “राहुल और तेजस्वी का संकल्प” बताया है |
लेकिन सबसे बड़ा धमाका तब हुआ जब खड़गे ने कहा, “पहले ‘आया राम-गया राम’ होता था, अब बिहार में ‘आया नीतीश-गया नीतीश’ शुरू है |” इतना ही नहीं, उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव से अपील की कि अगर नीतीश कुमार वापस आएं, तो उन्हें ‘मत लेना’ | यह बयान बिहार की राजनीति में गठबंधन के भविष्य को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है |
क्या यह सिर्फ एक चुनावी वादा है या फिर बिहार की सामाजिक और राजनीतिक संरचना को बदलने की एक बड़ी रणनीति? इस योजना में EBC, SC-ST के लिए 50% आरक्षण की सीमा को बढ़ाने और पंचायत में 30% आरक्षण देने जैसे 10 बड़े वादे शामिल हैं |
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और भाजपा को ‘आरक्षण चोर’ बताया है | क्या यह नया ‘संकल्प’ बिहार के अति पिछड़ा समाज को कांग्रेस और राजद के करीब ला पाएगा? क्या बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का युग अब खत्म होने वाला है?



