नेपाल से इस वक्त की सबसे बड़ी और चौंकाने वाली खबर | एक ऐसा सियासी भूचाल जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है | नेपाल को मिली है उसकी पहली महिला पीएम, लेकिन यह कहानी किसी आम प्रधानमंत्री की नहीं |
सस्पेंस और रहस्य से भरी इस कहानी में, नेपाल के राष्ट्रपति ने अचानक और अप्रत्याशित रूप से पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को देश की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया है | सवाल यह है कि यह फैसला क्यों लिया गया और इसके पीछे का मकसद क्या है?
क्या नेपाल में लोकतंत्र खतरे में है? क्योंकि राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 76 को दरकिनार करते हुए, अनुच्छेद 61 के तहत यह नियुक्ति की है | यह वही अनुच्छेद है जो राष्ट्रपति को संविधान की रक्षा करने का अधिकार देता है | क्या इसका मतलब यह है कि देश का संविधान संकट में है?
इस फैसले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं | जहां एक तरफ Gen-Z नेताओं ने इस सरकार का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है, वहीं पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी ने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए जनता से सड़कों पर उतरने की अपील की है | क्या नेपाल एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता के गहरे दलदल में फंसने जा रहा है?
इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे आने वाले छह महीनों में, जब नेपाल में नए चुनाव होंगे | लेकिन एक बात साफ है, यह नियुक्ति एक ऐतिहासिक पल है, जिसने नेपाल की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू कर दिया है |



