अब सिर्फ धरती ही नहीं, बल्कि चांद भी बनेगा भारत-जापान की दोस्ती का गवाह। जी हाँ, भारत और जापान ने मिलकर वो कदम बढ़ाया है, जो धरती से आगे चांद तक की कहानी लिखेगा।
दरअसल, भारत और जापान ने मिलकर एक ऐसी साझेदारी की है, जो सिर्फ जमीन पर ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में भी नया इतिहास लिखेगी। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे ने दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नई ऊंचाई दी है, और यह सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक और वैज्ञानिक भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब भारतीय टैलेंट और जापानी टेक्नोलॉजी मिलती है, तो जीत पक्की है। और यह सिर्फ कहने की बात नहीं, बल्कि हकीकत है। दोनों देशों के बीच 13 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा के 150 से अधिक समझौते हुए हैं, जो आर्थिक दुनिया में एक नई लहर पैदा करेंगे।
लेकिन सबसे बड़ा धमाका तो अंतरिक्ष में होने वाला है! भारत और जापान ने मिलकर चंद्रयान-5 मिशन पर काम करने का फैसला किया है। यह एक ऐसा मिशन है, जहाँ ISRO और JAXA साथ आकर चांद के उस रहस्यमय हिस्से की खोज करेंगे, जहाँ हमेशा अंधेरा रहता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि वहाँ पानी और जीवन की संभावना हो सकती है।
क्या यह मिशन चंद्रमा के रहस्यों को हमेशा के लिए सुलझा देगा? क्या यह साझेदारी अंतरिक्ष में मानवता के भविष्य को बदल देगी? भारत का बढ़ता कद और जापान का साथ, मिलकर एक नई कहानी लिख रहे हैं, जिसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देगी।



