एक ही मंच पर मोदी और ट्रंप… देखते है हाथ मिलेंगे या कूटनीतिक तलवार चलेगी? जी हाँ दोस्तों, भारत पहली बार क्वाड की मेजबानी करने जा रहा है इससे भी बड़ी बात तो ये है की इस क्वाड लीडर्स सम्मेलन में ट्रंप भी मौजूद रहेंगे।
दरअसल, एक ऐसी खबर जिसने दुनिया के कूटनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस साल के आखिर में, दिल्ली एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनेगी। भारत पहली बार क्वाड लीडर्स सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, और इस बार का आकर्षण सिर्फ भारत का नेतृत्व नहीं, बल्कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी है।
क्या ये सिर्फ एक बैठक है?…… नहीं। यह भारत की बढ़ती हुई ‘धाक’ का सबूत है। वह धाक, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को एक माकूल जवाब देने के लिए तैयार है। मोदी, ट्रंप, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेता एक साथ आ रहे हैं।
यह सम्मेलन सिर्फ सुरक्षा पर बातचीत के लिए नहीं, बल्कि उन पुरानी व्यापारिक जंगों को सुलझाने के लिए भी है। क्या ट्रंप का टैरिफ वॉर अब इतिहास बन जाएगा? क्या भारत और अमेरिका के बीच एक नई आर्थिक साझेदारी शुरू होगी?
चीन के लिए यह एक सीधी चुनौती है। दक्षिण चीन सागर में उसकी आक्रामक गतिविधियों को रोकने के लिए एक मजबूत गठबंधन बन रहा है।
दिल्ली की मेजबानी सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक घोषणा है कि भारत अब सिर्फ एक भागीदार नहीं, बल्कि वैश्विक मंच का एक निर्णायक खिलाड़ी है। क्या यह सम्मेलन दुनिया के भविष्य की दिशा तय करेगा? क्या भारत वास्तव में ‘विश्वगुरु’ बनने की राह पर है? आपका इस पर क्या कहना है अपनी राय कमेंट में जरुर बताए।



