जब दुनिया की राजनीति में हलचल मची हो, तब दो बड़े नेताओं की सीक्रेट बातचीत कई सवाल खड़े करती है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की, जिनकी फोन पर हुई बातचीत ने कूटनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है।
पहली नज़र में ये एक सामान्य कॉल लग सकती है, लेकिन असल में ये बातचीत कहीं ज़्यादा बड़ी थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा “मेरे मित्र राष्ट्रपति मैक्रों से बेहद शानदार बातचीत हुई।” लेकिन सवाल ये है कि आखिर अचानक ऐसी क्या बात हुई कि मैक्रों को खुद फोन उठाना पड़ा?
सूत्रों के मुताबिक, फोन पर बातचीत का मुख्य केंद्र यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष था। क्या मैक्रों ने मोदी से कोई खास मदद मांगी? या फिर भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत को देखते हुए उन्होंने कोई बड़ा कूटनीतिक दांव चला है?
2 दिन पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन का सीक्रेट कॉल करना और अब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का अचानक से कॉल करना, इससे ये तो साफ होता है कि दुनिया के बड़े देश अब किसी भी अंतर्राष्ट्रीय संकट के समाधान के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। लेकिन अब देखना ये है की क्या भारत इन संघर्षों को खत्म करने में कोई निर्णायक भूमिका निभा पाएगा?
यह फोन कॉल सिर्फ एक बातचीत नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती हैसियत का सबूत है। क्या यह बातचीत दुनिया को एक नए शांति मार्ग पर ले जाएगी, या फिर इसमें कोई और गहरा रहस्य छिपा है, कमेंट में अपनी राय जरुर बताए।



