साउथ की सियासत तय करेगी अगला उपराष्ट्रपति? जी हाँ, उपराष्ट्रपति चुनाव की जंग अब और भी दिलचस्प हो गई है। एनडीए ने जहां सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है, वहीं अब विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन ने भी अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, डीएमके के दिग्गज नेता तिरुची शिवा विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार हो सकते हैं, जिससे यह मुकाबला ‘साउथ बनाम साउथ’ की जंग में बदल जाएगा।
यह फैसला सिर्फ एक उम्मीदवार चुनने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक गहरी राजनीतिक रणनीति छिपी है। तिरुची शिवा, जो कि डीएमके के वरिष्ठ रणनीतिकार हैं, अपनी बेबाक बयानबाजी और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए जाने जाते हैं। उन्हें मैदान में उतारकर विपक्ष यह संदेश देना चाहता है कि वे क्षेत्रीय पहचान और राज्य अधिकारों के मुद्दे पर एकजुट हैं।
अगर तिरुची शिवा के नाम पर मुहर लगती है, तो यह ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए एक बड़ा राजनीतिक दांव होगा। यह न सिर्फ तमिलनाडु में अपनी पकड़ मजबूत करेगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि कांग्रेस अब सिर्फ ‘बड़े भाई’ की भूमिका में नहीं है, बल्कि वह क्षेत्रीय सहयोगियों को राष्ट्रीय मंच पर आगे बढ़ने का मौका दे रही है।
अब सबकी निगाहें ‘इंडिया’ ब्लॉक के आधिकारिक ऐलान पर हैं। क्या तिरुची शिवा उपराष्ट्रपति बनकर सदन में विपक्ष की आवाज को और मजबूत कर पाएंगे, या एनडीए का पलड़ा भारी रहेगा? मुकाबला कांटे का है!



