क्या एक आरोप लगाना राहुल गांधी को इतना भारी पड़ सकता है कि उन्हें 7 साल तक की जेल हो जाए? और क्या जो सबूत उन्होंने कैमरे पर पूरी दुनिया को दिखाया, वही अब उनके गले की फांस बन गया है? देखा जाए तो राहुल गांधी ने डबल वोटिंग का जो चक्रव्यूह चुनाव आयोग के लिए रचा था, उसमें वो खुद ही बुरी तरह से फंस गए हैं।
दरअसल मामला ये है की कर्नाटक में राहुल गांधी ने एक प्रेज़ेंटेशन में दावा किया कि शगुन रानी नाम की महिला के पास दो वोटर आईडी हैं और उसने दो बार वोट डाला। उन्होंने इसके सबूत के तौर पर चुनाव आयोग का रिकॉर्ड दिखाया।
लेकिन अब चुनाव आयोग कह रहा है की उनका ये दावा गलत है! कर्नाटक के चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने राहुल गांधी को नोटिस भेजकर सबूत मांगा है। जांच में आयोग को डबल वोटिंग का कोई प्रमाण नहीं मिला।
अगर राहुल गांधी का दावा फर्जी निकला, तो उन पर आर्टिकल 337 के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस कानून में जाली डॉक्यूमेंट दिखाने पर 7 साल तक की जेल और असीमित जुर्माना का प्रावधान है।
ये अपराध गैर-जमानती भी हो सकता है. मतलब गिरफ्तारी के बाद सीधा कोर्ट से ही जमानत मिलेगी। अब सवाल ये है की क्या राहुल गांधी अपने दावों को साबित कर पाएंगे? या फिर डबल वोटिंग का ये दांव उन पर ही उल्टा पड़ जाएगा? इस मामले पर आपकी क्या राय है? नीचे कमेंट्स में बताएं.



