नीतीश बनेंगे अगले उपराष्ट्रपति? धनखड़ के इस्तीफे ने मचाया सियासी भूचाल

21 जुलाई 2025 की वो रात, जब देश सोने की तैयारी कर रहा था, तभी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। जी हां, उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया। लेकिन इस इस्तीफे ने जो सियासी भूचाल लाया, उसका केंद्र बन गया बिहार! और चर्चा का सबसे बड़ा नाम? बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के दिग्गज नेता—नीतीश कुमार। आखिर क्यों नीतीश कुमार का नाम उपराष्ट्रपति की रेस में हर जुबान पर है? क्या यह सिर्फ अटकलें हैं, या इसके पीछे कोई बड़ा सियासी दांव छिपा है? चलिए, इस खबर की तह तक जाते हैं, जो बिहार से लेकर दिल्ली तक चर्चा का केंद्र बन चुकी है!”

दोस्तों! नीतीश कुमार, जिन्हें बिहार की सियासत का ‘सियासी चाणक्य’ कहा जाता है, पिछले दो दशकों से बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। उनके प्रशासनिक अनुभव, राष्ट्रीय राजनीति में गहरी पकड़, और NDA के साथ उनके रणनीतिक गठबंधन ने उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाया है। खासकर तब, जब बिहार में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। कुछ जानकारों का मानना है कि नीतीश को उपराष्ट्रपति बनाना BJP और NDA का मास्टरस्ट्रोक हो सकता है। सोशल मीडिया पर भी नीतीश का नाम छाया हुआ है। राजनीतिक विश्लेषक समीर चौगांकर ने X पर लिखा, “नीतीश कुमार का अगला उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय है। बिहार में BJP अपना मुख्यमंत्री लाएगी, और JDU को डिप्टी सीएम का पद मिलेगा।”

BJP विधायक हरिभूषण ठाकुर ने भी कहा, “नीतीश को उपराष्ट्रपति बनाना बिहार के लिए गर्व की बात होगी। हर कोई यही चाहता है।” वही, बिहार के मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने भी इस अटकल को हवा दी, जब उन्होंने कहा, “अगर नीतीश उपराष्ट्रपति बनते हैं, तो इसमें क्या दिक्कत है?” लेकिन क्या यह सब इतना आसान है? विपक्षी दल RJD ने इसे BJP की साजिश करार दिया है। RJD नेता मुकेश रोशन का दावा है कि धनखड़ का इस्तीफा नीतीश को हटाने की रणनीति का हिस्सा है, ताकि बिहार में BJP अपना मुख्यमंत्री ला सके। हालांकि, JDU के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने इन दावों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा, “नीतीश बिहार छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। वे NDA का चेहरा हैं और बिहार में बड़ी जीत दिलाएंगे।”

अब यहां सवाल ये भी उठता है कि अगर नीतीश उपराष्ट्रपति बनते हैं, तो बिहार की सियासत का क्या होगा? क्या BJP अपनी पसंद का मुख्यमंत्री लाएगी? क्या नीतीश का बेटा निशांत कुमार डिप्टी सीएम की भूमिका में दिखेगा? इन सवालों ने बिहार की जनता के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है। दूसरी तरफ, नीतीश के समर्थकों का मानना है कि उपराष्ट्रपति का पद उनके लिए सम्मानजनक और उनकी कद-काठी के मुताबिक है। 73 साल की उम्र में, नीतीश का राष्ट्रीय स्तर पर एक संवैधानिक पद संभालना उनके सियासी सफर का सुनहरा अध्याय हो सकता है। उनके समर्थक कहते हैं कि नीतीश की छवि—जो विकास, सुशासन, और सामाजिक समरसता से जुड़ी है—उन्हें इस पद के लिए आदर्श बनाती है।

हालांकि, कुछ लोग इसे BJP की रणनीति का हिस्सा मानते हैं। बिहार में BJP की स्थिति मजबूत है, और विधायकों की संख्या के मामले में वह JDU से आगे है। ऐसे में, नीतीश को दिल्ली भेजकर BJP बिहार में अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहती है। लेकिन क्या नीतीश इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे? या फिर वे बिहार की मिट्टी से जुड़े रहना पसंद करेंगे? जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने न सिर्फ उपराष्ट्रपति पद की रेस को गर्माया है, बल्कि बिहार की सियासत को भी नई दिशा दी है। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि क्या नीतीश कुमार वाकई उपराष्ट्रपति भवन की शोभा बढ़ाएंगे, या फिर यह चर्चा सिर्फ सियासी हवा में उड़ जाएगी?

तो दोस्तों, क्या नीतीश कुमार होंगे भारत के अगले उपराष्ट्रपति? आपकी क्या राय है? कमेंट में जरूर बताएं!

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