दोस्तों, बड़ा अपडेट मोबाइल यूजर्स के लिए! क्या आप जानते हैं कि आपका अगला iPhone ‘संचार साथी’ एप के बिना आ सकता है? जी हां, अमेरिकी टेक दिग्गज एपल ने भारत सरकार के आदेश को ठुकरा दिया! सरकार चाहती थी कि हर नए फोन में यह एप ऑटो-इंस्टॉल हो, लेकिन एपल का कहना है – “यूजर प्राइवेसी सबसे पहले!”। और ये सिर्फ ऐप्स की बात नहीं, बल्कि आपके निजी डेटा की सुरक्षा का मसला है।
सरकार इसे मानती है साइबर फ्रॉड रोकने वाला सुपर टूल, जहां चोरी और खोए फोन ट्रैक होंगे, ब्लॉक होंगे और स्कैमर्स की छुट्टी होगी! 7 लाख से ज्यादा फोन इस ऐप की मदद से लौट चुके हैं। लेकिन एपल का कहना है – अगर यह आदेश लागू हुआ, तो यूजर्स का डेटा लीक होने का खतरा है। और यही वजह है कि कंपनी सुप्रीम कोर्ट तक जाने की तैयारी कर रही है!
तो, ‘संचार साथी एप’ आखिर है क्या? यह एप IMEI नंबर चेक करके चोरी या खोए फोन को ब्लॉक करता है, कॉल और मैसेज रिपोर्ट करने में मदद करता है और फेक सिम्स का पता लगाता है। मतलब, स्कैमर्स के लिए अब कोई जगह नहीं बची। लेकिन एपल का कहना है – iOS डिवाइस पर डेटा शेयर करना उनकी पॉलिसी के खिलाफ है।
भारत में एपल की ग्रोथ लगातार बढ़ रही है, और देश के लिए यह स्ट्रैटेजिक मार्केट बन चुका है। लेकिन इस बार टकराव बड़ा है – यूजर प्राइवेसी बनाम सरकारी सुरक्षा टूल। क्या एपल और सरकार बीच का रास्ता निकाल पाएंगे? या फिर यह जंग सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी? समय ही बताएगा!



