grah vibhag hua out satta ki chabi ab bjp ke hath bihar me game badal gya

गृह विभाग हुआ OUT, सत्ता की चाबी अब BJP के हाथ, बिहार में गेम बदल गया

बिहार की राजनीति में आज वो भूकंप आया है जिसे आने का अंदाज़ा किसी को नहीं था… 20 साल बाद नीतीश कुमार ने अचानक गृह विभाग छोड़ दिया। और इसी एक फैसले ने राज्य की सत्ता का पावर-मैप पूरी तरह उलट-पुलट कर दिया है। आखिर क्या हुआ कि नीतीश ने वो विभाग भी दे दिया जिसे वो अपनी पहचान कहते थे?

शुक्रवार देर शाम जब मंत्रियों की लिस्ट जारी हुई, तो पूरे पटना के पावर कॉरिडोर में एक ही सवाल गूंज रहा था— इस बदलाव के पीछे असली खेल क्या है? बीजेपी को मिला बिहार का सबसे ताकतवर मंत्रालय—गृह विभाग। और इसकी कमान अब संभालेंगे डिप्टी CM सम्राट चौधरी। पुलिस विभाग से लेकर नक्सल ऑपरेशन तक, बड़े गैंगस्टरों पर कार्रवाई से लेकर IPS पोस्टिंग—हर फैसले का अंतिम अधिकार अब उनके पास है। सवाल उठता है—क्या यह सिर्फ विभागों का बंटवारा है, या कोई बड़ा राजनीतिक संदेश?

उधर JDU को दिया गया वित्त विभाग भी चौंकाने वाला है। बिजेंद्र यादव ऊर्जा के साथ अब राज्य की जेब भी संभालेंगे। और जब बात युवाओं की आई तो पहली बार मंत्री बनीं नेशनल शूटर श्रेयसी सिंह को खेल विभाग देकर राजनीति में नया दांव खेला गया है। वहीं विजय कुमार सिन्हा को भूमि, राजस्व और खान विभाग देकर सत्ता समीकरणों में एक अलग ही बैलेंस बनाया गया है।

सुबह से CM हाउस में चलती बैठकों, बंद कमरों में घंटों चली रणनीति और आखिरकार 5:15 बजे जारी हुई अंतिम लिस्ट ने कई छिपे संकेत भी दे दिए। क्या ये बदलाव 2025 की राजनीति की दिशा तय करेंगे? क्या ये नीतीश और बीजेपी के रिश्तों की नई परिभाषा है? या फिर इस पावर-शिफ्ट के पीछे कोई ऐसा राज़ है जो अभी सामने आना बाकी है?

बिहार की राजनीति में आज जो हुआ… वो सिर्फ विभागों का बंटवारा नहीं, बल्कि एक नए अध्याय की धमाकेदार शुरुआत है—और असली कहानी शायद अभी बाकी है…

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