प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सूरत एयरपोर्ट पर बिहार की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि हालिया विधानसभा चुनाव में बिहार ने जाति की राजनीति को सिरे से ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि एनडीए को मिली प्रचंड जीत इस बात का प्रमाण है कि राज्य के मतदाताओं ने विकास को ही सबसे बड़ा मुद्दा माना। एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक बढ़त हासिल की है। पीएम ने कहा कि हारने वाले नेताओं को इस सदमे से उबरने में महीनों लग जाएंगे, क्योंकि उन्होंने चुनाव को जातीय और सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश की थी।
मोदी ने कहा कि बिहार का टैलेंट दुनिया में हर जगह अपनी पहचान बना चुका है और यहां के लोग राजनीति को गहराई से समझते हैं। उन्होंने दावा किया कि जनता ने सांप्रदायिकता के जहर और झूठ फैलाने वाली राजनीति को पूरी तरह नकार दिया। पीएम ने कहा कि विपक्ष के कुछ जमानती नेता वक्फ कानून का दुरुपयोग करते थे और इसे लागू नहीं होने देते थे, लेकिन बिहार के मतदाताओं ने ऐसी राजनीति को भी स्पष्ट रूप से खारिज किया है।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आदिवासी समाज की बात भी जोरदार तरीके से उठाई। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने हमेशा जनजातीय समुदाय को शीर्ष पदों पर सम्मान दिया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के आदिवासी नेतृत्व का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा ने विभिन्न राज्यों में आदिवासी समाज को प्रमुख जिम्मेदारियाँ सौंपी हैं। गुजरात की जनजातीय कलाकृति, पेंटिंग और संस्कृति की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा वन उपज पर एमएसपी बढ़ाने और स्थानीय भाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने जैसे कदमों से आदिवासी समाज को सशक्त कर रही है।
भाषण के दौरान एक बच्ची द्वारा दी गई पेंटिंग को उन्होंने विशेष रूप से स्वीकार किया और कहा कि वे उसे व्यक्तिगत रूप से चिट्ठी लिखेंगे।



