दोस्तों, आज की ये खबर सिर्फ एक इकोनॉमिक अपडेट नहीं है — ये उस नए भारत की कहानी है जो अब सिर्फ मेड इन इंडिया नहीं, बल्कि एक्सपोर्टेड फ्रॉम इंडिया कहलाएगा! हाँ, केंद्र सरकार ने आज तीन ऐसे बड़े आर्थिक फैसलों पर मुहर लगाई है जो आने वाले सालों में भारत को ग्लोबल ट्रेड हब और इकोनॉमिक सुपरपावर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे!
पहला फैसला — 25,060 करोड़ का एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन! सरकार का ये मिशन अगले छह सालों तक चलेगा और भारत के एक्सपोर्ट इकोसिस्टम को नई उड़ान देगा! इस मिशन के दो पिलर हैं — निर्यात प्रोत्साहन और निर्यात दिशा। अब एक्सपोर्टर्स को मिलेगा सस्ता क्रेडिट, जिससे उनके प्रोडक्ट्स की कीमतें ग्लोबल मार्केट में और प्रतिस्पर्धी बनेंगी। ई-कॉमर्स एक्सपोर्टर्स के लिए आएगा स्पेशल क्रेडिट कार्ड, और छोटे एक्सपोर्टर्स को मिलेगा इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में हिस्सा लेने का मौका — ताकि लोकल से ग्लोबल का सपना हकीकत बन सके!
दूसरा फैसला — 20,000 करोड़ रुपए की नई क्रेडिट स्कीम! सरकार का फोकस है – MSME सेक्टर को सस्ता और सुरक्षित फंड देना! इस स्कीम के तहत एक्सपोर्टर्स को मिलेगा 100% गारंटीड क्रेडिट, ब्याज दरों में 1% की राहत, और मौजूदा वर्किंग कैपिटल पर 20% तक अतिरिक्त लोन। यानी अब छोटे और मंझोले कारोबारी भी ग्लोबल मार्केट में बिना डर के मुकाबला कर सकेंगे! यह स्कीम मार्च 2026 तक चलेगी और जरूरत पड़ने पर आगे भी बढ़ाई जा सकती है। सरकार का मकसद साफ है — हर छोटे बिज़नेस को बड़ा बनाना!
तीसरा बड़ा फैसला — क्रिटिकल मिनरल्स पर रॉयल्टी में कटौती! दोस्तों, EV, इलेक्ट्रॉनिक्स और डिफेंस सेक्टर के लिए ये है एक गेम-चेंजर! अब ग्रेफाइट, जरकोनियम, रूबिडियम और सीजियम जैसे कीमती मिनरल्स पर टैक्स घटा दिया गया है। इससे देश में माइनिंग को बढ़ावा मिलेगा, घरेलू प्रोडक्शन बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता घटेगी। सरकार का टारगेट है — भारत को मिनरल मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनाना
तीन फैसले… एक लक्ष्य — आत्मनिर्भर भारत को एक्सपोर्ट सुपरपावर बनाना! जहां छोटे व्यापारी से लेकर बड़े उद्योगपति तक, हर कोई होगा इस बदलाव का हिस्सा! तो तैयार रहिए… क्योंकि अब दुनिया खरीदेगी मेड इन इंडिया !



