दोस्तों… बिहार की राजनीति में बड़ा झटका! महिला वोटर्स ने किसको दिया धोखा? किसकी चल गई चाल… और कौन पड़ गया मुसीबत में? पहले चरण की वोटिंग ने दोनों बड़े खेमों की सांसें रोक दी हैं!
बिहार में पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है… और भाई साहब! इस बार वोटिंग ने पोलीटिकल गेम पूरी तरह पलट दिया है। 121 सीटों पर मतदान हुआ और शाम 5 बजे तक 60.1% वोटिंग! यानी 2020 से 8.3% ज्यादा! इससे साफ है — माहौल गर्म है, जनता नाराज़ भी… और उम्मीदों से भरी भी।
लेकिन असली सवाल — ये बढ़ा हुआ वोट किसके पक्ष में गया है? अब सुनो ट्विस्ट! इस बार गेम बदलने आई हैं — महिला वोटर्स!
याद है ना, नीतीश सरकार की ₹10,000 वाली योजना? जी हाँ, सरकार ने 1.5 करोड़ महिलाओं के खाते में सीधे पैसे भेजे… और इसका इमोशनल और फ़ाइनेंशियल कनेक्शन दोनों बना। चुनाव विश्लेषक बोल रहे हैं — यही योजना नीतीश को दोबारा सत्ता की कुर्सी दिला सकती है!
क्योंकि बिहार में महिला मतदाता किसी भी पार्टी को उठाकर आसमान पर भी चढ़ा सकती हैं और जमीन पर भी गिरा सकती हैं। और 2020 में भी ये साफ हो चुका है। लेकिन, क्या सबकुछ एनडीए के मुताबिक ही है?
यहाँ आता है बड़ा Suspense! तेजस्वी यादव और प्रियंका गांधी इस योजना को इलेक्शन ब्राइब, लुभावा और चाल बता रहे हैं। विपक्ष का कहना है — “ये आखरी समय का अफसोस वाला कदम है, जनता समझ चुकी है।”
लेकिन जमीनी रिपोर्ट कह रही है — महिलाओं ने बूथ पर लाइन लगा दी। और नीतीश कुमार की 2005 से बनाई गई महिला छवि — आज भी जिंदा है।
साइकिल योजना, लड़कियों की पढ़ाई, कानून-व्यवस्था, और शराबबंदी — इन सबने महिलाओं के दिल में नीतीश के लिए नरम कोना नहीं… पूरा कमरा बना रखा है। और सर्वे कह रहा है — महिलाओं में नीतीश को तेजस्वी से 32% की बढ़त!
तो कहानी ये है — पहले चरण की भारी वोटिंग ने बिहार में नया खेल शुरू कर दिया है। महिलाएं इस चुनाव की किंगमेकर नहीं… “क्वीनमेकर” बन चुकी हैं। अब देखना ये है — आगे के चरणों में ये तूफ़ान किसकी किस्मत बदल देगा! बने रहिए… क्योंकि ये चुनाव अभी बाकी है मेरे दोस्त!



