savdhan diwali ki khushbu ban sakti hai jahar

सावधान! दीपावली की खुशबू बन सकती है ज़हर! सेंटेड कैंडल्स से फैल रहा Silent Killer

दोस्तों, सावधान हो जाएं! दीपावली की खुशबू बन सकती है ज़हर, जो मोमबत्ती आपका घर महकाती है वही धीरे-धीरे आपको और आपके पुरे परिवार को कैंसर के जाल में फसा रही है
दिवाली की सजावटे शुरू हो चुकी है — हर कोना रोशनी से जगमगा रहा है, और खुशबूदार मोमबत्तियों की महक… मानो पूरा माहौल दिव्य बना देती है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है… यही खुशबू आपकी सांसों के साथ आपके शरीर में ज़हर घोल रही है?

जी हां! खुशबूदार मोमबत्तियां यानी “Scented Candles” — एक ‘Silent Killer’ बन चुकी हैं, जो धीरे-धीरे आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रही हैं।
एम्स दिल्ली से प्रशिक्षित जनरल फिजिशियन और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका सहरावत ने दिवाली से ठीक पहले लोगों को एक बड़ी चेतावनी दी है —

“सेंटेड कैंडल्स से जितनी खुशबू आती है, उतना ही ज़हरीला धुआं भी फैलता है।”

अब सोचिए! जब दिवाली पर पहले से ही पटाखों का धुआं आसमान में छाया होता है, ऐसे में अगर घर के अंदर भी आप मोमबत्तियां जलाते हैं… तो आपकी सांसों में क्या जा रहा होगा?

डॉक्टर प्रियंका के अनुसार, इन कैंडल्स में मौजूद Paraffin Wax और Synthetic Fragrance Chemicals जलने पर Carcinogenic Compounds यानी कैंसर पैदा करने वाले तत्व छोड़ते हैं!
रिसर्च में सामने आया है कि लंबे समय तक सेंटेड कैंडल्स का इस्तेमाल ब्लैडर कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

और सिर्फ यही नहीं, इन्हें जलाने के कुछ ही मिनटों में आप सिरदर्द या चक्कर, आंखों में जलन, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, छाती में भारीपन जैसी परेशानी महसूस करेंगे |

अब सवाल है — तो क्या करें? क्या दिवाली की खुशबू से अब दूर रहना पड़ेगा?

इसका जवाब है नहीं!
डॉ. प्रियंका कहती हैं, अगर आपको महक पसंद है तो Natural Wax Candles का चुनाव करें — जैसे Soy Wax या Beeswax.
इनमें कोई टॉक्सिक केमिकल नहीं होता और ये हवा को ज़हरीला नहीं बनातीं।
और हां, अगर कैंडल जलानी ही है तो कमरा अच्छी तरह वेंटिलेटेड रखें ताकि धुआं बाहर निकल सके।

तो इस दिवाली, घर रोशन करें सुरक्षा की रोशनी से, खुशबू नहीं — सांसों की आज़ादी चुनें!

क्योंकि याद रखिए — दीपावली खुशियों की है, ज़हर जलाने की नहीं।

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