बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा भूचाल आ चुका है | सवाल यह नहीं है कि कौन जा रहा है, बल्कि सवाल यह है कि NDA के भीतर की दरारें अब कितनी गहरी हो चुकी हैं! क्या यह महज एक विधायक का पाला बदलना है, या 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले सत्ताधारी गठबंधन की नींव हिलने की शुरुआत?
बिहार की राजनीति में सबसे बड़ा सस्पेंस अब खगड़िया जिले से सामने आ रहा है | परबत्ता से जनता दल यूनाइटेड (JDU) के कद्दावर विधायक, डॉ | संजीव कुमार, कल यानी 3 अक्टूबर को अपने हजारों समर्थकों के साथ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल होने जा रहे हैं | खगड़िया RJD जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव ने इस राजनीतिक विस्फोट की पुष्टि कर दी है |
यह समारोह गोगरी के भगवान उच्च विद्यालय परिसर में होगा, और सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की उपस्थिति भी संभावित है |
सवाल यह है कि आखिर JDU के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले और पूर्व मंत्री डॉ | आर |एन | सिंह के बेटे डॉ | संजीव ने NDA से मोहभंग क्यों किया? राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह फैसला अचानक नहीं लिया गया | हाल ही में NDA के विधानसभा स्तरीय सम्मेलनों, यहाँ तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम से भी उनकी लगातार गैरमौजूदगी, इस महा-परिवर्तन का स्पष्ट संकेत थी |
डॉ. संजीव अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं | सरकार में रहते हुए भी वह किसानों के हक और निर्माण परियोजनाओं में गड़बड़ी जैसे गंभीर मुद्दों पर अपनी ही सरकार की आलोचना करने से नहीं चूके थे | क्या उनकी यह आलोचनात्मक प्रवृत्ति ही JDU में उनकी ‘विदाई’ का कारण बनी?
उनका यह कदम न सिर्फ JDU के लिए एक करारा झटका है, बल्कि यह परबत्ता क्षेत्र के राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह से पलट देगा | राजनीतिक विश्लेषक इसे 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की शक्ति में बड़ा इजाफा मान रहे हैं |
क्या डॉ | संजीव का RJD में जाना बिहार में दलबदल की एक नई लहर शुरू करेगा? क्या NDA के अन्य असंतुष्ट नेता भी अब पाला बदलने की तैयारी में हैं? उत्सुकता चरम पर है | हमारी नज़र इस बड़ी सियासी घटनाक्रम पर बनी हुई है |



