पाकिस्तान की सियासत और क्रिकेट का वो काला सच सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाएगा | टीम इंडिया के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने जिस मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इंकार किया था, वो शख्स कोई आम इंसान नहीं बल्कि पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर का सगा साला निकला | जी हां, वही नकवी जिसे पाकिस्तान की राजनीति और क्रिकेट दोनों का पावरफुल कठपुतली मास्टर माना जाता है |
नकवी को पाक आर्मी और आईएसआई का ब्लू-आइड बॉय कहा जाता है | यही पारिवारिक रिश्ता उन्हें बना चुका है पाकिस्तानी सत्ता का छुपा हुआ खिलाड़ी | पहले पंजाब का मुख्यमंत्री, फिर अचानक PCB का चेयरमैन और अब पाकिस्तान का गृह मंत्री, हर पद पर नकवी की एंट्री ने एक ही चीज़ साबित की है असली कंट्रोल रावलपिंडी के हाथ में है, नकवी सिर्फ उसका सिविलियन चेहरा हैं |
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती | नकवी पर लगे हैं करप्शन के भारी आरोप 250 अरब रुपये के कॉन्ट्रैक्ट्स सीधे सेना की कंपनियों को बांट दिए गए, गद्दाफी और कराची स्टेडियम जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को चैंपियंस ट्रॉफी के नाम पर लूट लिया गया | इमरान खान और उनकी पार्टी PTI पर जो शिकंजा कसा गया, उसके पीछे भी नकवी का ही दिमाग बताया जाता है |
यानी साफ है, नकवी सिर्फ एक नेता या प्रशासक नहीं, बल्कि पाकिस्तान की फौजी तानाशाही का सबसे बड़ा मोहरा हैं | क्रिकेट से लेकर राजनीति तक, हर जगह उनका जाल फैला है | और जब सूर्यकुमार यादव ने उनकी ट्रॉफी लेने से मना किया, तो ये सिर्फ एक छोटा-सा इशारा नहीं था बल्कि पाकिस्तान के सबसे बड़े पावर गेम का असली चेहरा दुनिया के सामने लाने वाली एक बड़ी घटना थी |



