तमिलनाडु के करूर में सियासी जुनून एक खौफ़नाक हादसे में बदल गया. जी हाँ, एक्टर से नेता बने थलपति विजय की रैली में अचानक मची भगदड़ ने सबको दहला दिया |
चौंकाने वाली बात ये है कि इस भगदड़ में 29 मासूम ज़िंदगियाँ खत्म हो गईं, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं | मौत का यह मंजर इतना भयानक था कि मंच पर खड़े विजय को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा |
सोचिए, जहाँ विजय का नाम सुनकर लोग दीवानों की तरह जुटते हैं, वहीं वही भीड़ उनकी आँखों के सामने सांस के लिए तड़प रही थी | भीड़ बढ़ती गई लोग धक्का-मुक्की में फँसते गए और फिर हुआ वो, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी |
क्लाइमेक्स तब आया जब पुलिस ने हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया | लाठी की मार, चीखों का शोर और गिरती-जुड़ती भीड़ ने पल भर में रैली को मौत के मैदान में बदल दिया |
अब सवाल ये उठता है कि क्या ये हादसा कंट्रोल से बाहर हुई भीड़ की वजह से था या फिर सिस्टम की लापरवाही ने 29 लोगों की जान ले ली? क्या विजय की राजनीति की पहली बड़ी रैली उनकी सबसे बड़ी त्रासदी बन गई?
जवाब अभी भी तलाशा जा रहा है… लेकिन मौत का ये मंजर, करूर की ज़मीन कभी नहीं भूल पाएगी |



