क्या दुनिया की चौधराहट पर अब लगेगी लगाम? रूस ने अमेरिका को सीधी और खुली चेतावनी दे डाली है | विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के एक बयान ने ग्लोबल पॉलिटिक्स में भूचाल ला दिया है, जिसमें उन्होंने साफ कहा – भारत और चीन जैसी हज़ारों साल पुरानी सभ्यताओं को धमकी देकर झुकाया नहीं जा सकता |
ये सिर्फ़ एक बयान नहीं, बल्कि अमेरिकी दादागिरी पर सीधा प्रहार है | तेल खरीदने को लेकर अमेरिका भारत पर लगातार दबाव बना रहा था, लेकिन लावरोव ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का समर्थन कर एक नया दांव चल दिया है |
अमेरिका के लगातार दबाव और धमकियों के बीच रूस ने सीधा वार किया है. विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने चेतावनी दी—भारत और चीन जैसी हज़ारों साल पुरानी सभ्यताओं को धमकाकर फैसले नहीं बदलवाए जा सकते! लावरोव का हमला सिर्फ बयान नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति-संतुलन की बड़ी गूंज है. उन्होंने कहा, “दुनिया अब अमेरिका की शर्तों पर नहीं चलेगी.
उन्होंने इशारा किया है कि दुनिया अब एकतरफा नहीं, बल्कि बहुध्रुवीय होगी | तो क्या ये एक नए ग्लोबल पावर सेंटर का आगाज़ है? क्या भारत और चीन के साथ मिलकर रूस, अमेरिकी बादशाहत को खत्म करने की बिसात बिछा चुका है? इस नए समीकरण के बाद अब दुनिया का अगला कदम क्या होगा? पर्दे के पीछे एक बड़ा खेल शुरू हो चुका है, जिसके नतीजे पूरी दुनिया का भविष्य तय करेंगे |



