व्हाइट हाउस से आया वो बयान, जिसने दुनिया भर में सियासी भूचाल ला दिया है | जी हाँ, यह अमेरिका का अब तक का सबसे सनसनीखेज और सीधा आरोप है | अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 23 देशों को ड्रग्स तस्करों की सबसे खतरनाक ‘ब्लैकलिस्ट’ में डालकर ड्रग तस्करी का गढ़ करार दिया है | और चौंकाने वाली बात ये है कि इस लिस्ट में भारत और पाकिस्तान का नाम भी शामिल है |
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संसद में पेश की गई अपनी प्रेसिडेंशियल डिटरमिनेशन रिपोर्ट में दावा किया है कि इन देशों से निकलने वाले खतरनाक केमिकल्स और ड्रग्स ने अमेरिका को नेशनल इमरजेंसी जैसी हालत में धकेल दिया है |
लेकिन असली धमाका तब हुआ जब ट्रम्प ने चीन को फेंटेनाइल जैसे घातक ड्रग्स का सबसे बड़ा अड्डा बताया | उन्होंने साफ कहा कि यही जहर 18 से 44 साल के अमेरिकियों की मौत की सबसे बड़ी वजह बन रहा है | सोचिए, एक ड्रग जो सीधे पब्लिक हेल्थ क्राइसिस खड़ा कर रहा है!
वहीं, ट्रम्प ने अफगानिस्तान को लेकर और भी बड़ा खुलासा किया कि तालिबान के ड्रग्स पर रोक लगाने के दावे झूठ साबित हो रहे हैं | यहां से निकल रही मेथामफेटामाइन और हेरोइन न सिर्फ इंटरनेशनल मार्केट तक पहुंच रही है, बल्कि क्रिमिनल गैंग्स की फंडिंग का जरिया भी बन चुकी है |
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस खतरनाक लिस्ट में भारत का नाम क्यों? क्या पर्दे के पीछे कोई ऐसा खेल चल रहा है, जिसकी हमें खबर नहीं? क्या यह सिर्फ एक रिपोर्ट है या भारत के खिलाफ कोई गहरी अंतरराष्ट्रीय साजिश की शुरुआत? इस ब्लैकलिस्ट के आने के बाद अब भारत-अमेरिका रिश्तों में एक नया तूफान खड़ा हो गया है, जिसका असर दिखना अभी बाकी है |



