मणिपुर की धरती पर 864 दिनों बाद आखिर प्रधानमंत्री मोदी का कदम पड़ा | लेकिन क्या यह दौरा शांति और सद्भाव लाने के लिए है, या फिर यह सिर्फ एक सियासी चाल है? कांग्रेस ने पीएम मोदी की इस यात्रा पर बड़ा हमला बोला है, और सवाल उठाए हैं कि क्या यह दौरा जमीनी हकीकत से जुड़ा है या सिर्फ एक इमेज बिल्डिंग का स्टंट है |
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सीधे तौर पर कहा कि यह यात्रा दो साल की देरी से की गई है और इसका मकसद राज्य में शांति बहाल करना नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री की छवि को चमकाना है | उन्होंने ट्वीट करके कहा कि पीएम मोदी को हिंसा शुरू होने के तुरंत बाद आना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया |
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो और भी कड़ा तंज कसा | उन्होंने सवाल किया, आपका राजधर्म कहां है? खरगे ने याद दिलाया कि जब से मणिपुर में हिंसा शुरू हुई है, तब से 300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है और 67,000 लोग विस्थापित हुए हैं | उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने विदेश यात्राओं पर तो ध्यान दिया, लेकिन अपने ही देश के नागरिकों के दुख में शामिल होने के लिए एक बार भी मणिपुर नहीं आए |
दूसरी तरफ, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इस दौरे को आत्म-प्रशंसा का स्टंट बताया और कहा कि यह मणिपुर के लोगों का घोर अपमान है | उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देर से तो आए, लेकिन दुरुस्त नहीं आए | अब सवाल यह है कि क्या इस दौरे से मणिपुर में हालात सुधरेंगे, या यह सिर्फ एक दिखावा साबित होगा?



