क्या भारत वाकई BRICS छोड़ देगा? क्या रूस से तेल खरीद पर लगाम लगेगी? और क्या अमेरिका का झुकाव पाने के लिए मोदी सरकार ट्रम्प के सामने माफी मांगेगी?
जी हाँ, भारत-अमेरिका ट्रेड वॉर के नए अध्याय का असली खेल शुरू हो चूका है | अब देखना ये है की क्या भारत माफी मांगेगा या टकराएगा? दरअसल, ट्रंप प्रशासन की नई ‘टैरिफ डिप्लोमेसी’ ने भारत पर माफी और शर्तों का दबाव बनाया है | हालही में अमेरिका के उद्योग मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने एक बयान देकर सबको चौंका दिया है। उन्होंने साफ कहा – “अगर भारत को 25% अतिरिक्त टैरिफ हटवाना है तो तीन शर्तें माननी होंगी – रूस से तेल खरीद बंद करो, BRICS छोड़ो और अमेरिका का सपोर्ट करो। वरना 50% टैरिफ चुकाओ।”
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि भारत क्या करेगा? क्या मोदी सरकार BRICS को छोड़कर सीधे ट्रम्प की शर्तों पर झुक जाएगी? या फिर रूस-चीन के साथ खड़े होकर अमेरिकी दबाव का सामना करेगी?
लुटनिक का दावा है कि एक-दो महीने में भारत माफी मांगेगा और ट्रम्प के साथ नया सौदा करेगा। ट्रम्प ने भी ट्रुथ सोशल पर लिखा है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया। लेकिन, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ कहा है कि भारत अमेरिका से बातचीत जारी रखेगा, पर राष्ट्रीय हित से कोई समझौता नहीं होगा।
अब दुनिया की निगाहें अब दिल्ली और वॉशिंगटन पर टिक गई हैं कि क्या भारत अमेरिकी दबाव के आगे झुकेगा या ट्रम्प की धमकी को नजरअंदाज कर देगा? या फिर आने वाले हफ्तों क्या नया सौदा होगा या रिश्ते और बिगड़ेंगे?



