देशभर में फैले आवारा कुत्तों के मुद्दे पर आया है सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम आदेश, जिसने करोड़ों लोगों की सांसें रोक दी हैं। सवाल उठता है क्या अब गली-मोहल्लों से गायब हो जाएंगे आवारा कुत्ते? या फिर और बढ़ेगी दहशत?
पिछले कुछ समय से आवारा कुत्तों को लेकर देशभर में जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को पलटते हुए कहा है कि अब पकड़े गए आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद छोड़ा जा सकता है। लेकिन खूंखार और रेबीज से संक्रमित कुत्तों को कैद में रखा जाएगा। यानी, अब बाइट केस और रेबीज डरावनी बीमारी से लोग कुछ हद तक सुरक्षित रहेंगे।
इस फैसले ने एक नई बहस छेड़ दी है। क्या अब हर शहर में ऐसे खूंखार कुत्तों की पहचान हो पाएगी? और क्या उन्हें कैद करने की व्यवस्था होगी? कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक होगी और इसके लिए अलग से जगह बनाई जाएगी। अब सवाल ये उठता है कि क्या इससे कुत्तों की भूख बेकाबू होगी? या सड़कें आखिरकार सुरक्षित बनेंगी?
ये फैसला सिर्फ एक आदेश नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय नीति की तरफ पहला कदम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूरे देश के लिए एक जैसी पॉलिसी बननी चाहिए। अब अगली सुनवाई अक्टूबर में होगी। यानी, असली खेल अभी बाकी है। सबकी निगाहें अगली सुनवाई पर टिकी हैं। क्या तब तक कोई राष्ट्रीय नीति तैयार होगी? और क्या यह फैसला इंसान और जानवरों के बीच के इस टेंशन को कम कर पाएगा? कमेंट कर अपनी राय जरुर बताए।



