मॉस्को से पाकिस्तान को सीधे चेतावनी, अब जवाब सिर्फ सीमा पर नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी दिया जाएगा। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि आतंकवाद का खेल अब खत्म होने वाला है।
जी हाँ, जब दुनिया एक-दूसरे से दूर हो रही है, तब दो शक्तिशाली देश भारत और रूस एक साथ आकर एक बड़ा संदेश दे रहे हैं। ये संदेश सीधे-सीधे आतंकवाद और उसके समर्थकों को है, और इसके केंद्र में हैं हमारे विदेश मंत्री एस. जयशंकर।
दरअसल जयशंकर ने मॉस्को की धरती से गर्जना करते हुए कहा है कि भारत और रूस मिलकर आतंकवाद को करारा जवाब देंगे। यह बयान सिर्फ एक राजनयिक बातचीत नहीं, बल्कि एक साझा मोर्चा बनाने की घोषणा है।
सबसे बड़ा सवाल ये है कि रूस की राजधानी से ये बयान क्यों? क्या इसके पीछे कोई खुफिया जानकारी है? या ये किसी संभावित हमले से पहले की तैयारी है?
ये साफ है कि जयशंकर का इशारा सीधे पाकिस्तान की ओर था, जिसका नाम उन्होंने नहीं लिया, लेकिन जिसकी नीयत दुनिया जानती है। इस मुलाकात में सिर्फ आतंकवाद की बात नहीं हुई, बल्कि व्यापार और ऊर्जा के रिश्तों को भी नए सिरे से परिभाषित किया गया।
ये एक ऐसा मास्टरस्ट्रोक है, जो अमेरिका जैसे देशों को भी चौंका रहा है, जो लगातार भारत को रूस से दूर करने की कोशिश कर रहे थे। अब दुनिया देख रही है कि भारत अपनी विदेश नीति अपने दम पर तय करता है, किसी के दबाव में नहीं।
क्या भारत और रूस का यह साझा मोर्चा आतंकवाद की कमर तोड़ पाएगा? क्या यह नई साझेदारी दुनिया की राजनीति में एक नया अध्याय लिखेगी? इस पर आपकी क्या राय है कमेंट में जरुर बताए।



