क्या आपने कभी सोचा है कि गांव, पहाड़ या रेगिस्तान में भी वैसा ही इंटरनेट मिलेगा जैसा दिल्ली-मुंबई में मिलता है? तो तैयार हो जाइए, क्योंकि एलन मस्क की कंपनी Starlink अब UIDAI के साथ हाथ मिलाकर भारत में सैटेलाइट इंटरनेट क्रांति लाने वाली है!
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने आधिकारिक ऐलान किया है Starlink को अब आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन का अधिकार मिल गया है। यानी अब कंपनी भारत में आसानी से नए कस्टमर जोड़ सकेगी। यह सिर्फ इंटरनेट सर्विस नहीं, बल्कि डिजिटल इंडिया को नई रफ़्तार देने वाली डील है।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल इतनी देर क्यों लगी लाइसेंस मिलने में? दरअसल, 2022 से Starlink कोशिश कर रही थी, पर भारत सरकार ने सुरक्षा पर सख्ती बरती। डेटा सिक्योरिटी, कॉल इंटरसेप्शन और नेशनल इंटरेस्ट की शर्तों को पूरा करने के बाद ही Starlink को मई 2025 में ग्रीन सिग्नल मिला।
और अब सोचिए एक ऐसी डिश, जिसे खुले आसमान में लगाते ही मिल जाएगा हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट। न मोबाइल टावर चाहिए, न तारों का जाल। बस सीधा सैटेलाइट से आपके घर तक! यानी जल्द ही भारत के सबसे सुदूर गांव में भी बच्चे ऑनलाइन पढ़ेंगे, डॉक्टर टेलीमेडिसिन से इलाज करेंगे और बिज़नेस बिना रुकावट चलेंगे।
तो क्या Starlink भारत में इंटरनेट का गेम-चेंजर साबित होगा? या फिर मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों के लिए बन जाएगा सबसे बड़ा खतरा? अपनी राय कमेंट में बताए |



