क्या होगा अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री गिरफ्तारी के बाद कुर्सी पर न टिक सके? जी हां, संसद में एक ऐसा ऐतिहासिक बिल पेश हुआ है, जिसने सत्ता के गलियारों में हलचल मचा दी है।
लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने तीन बड़े बिल पेश किए हैं, जिनके मुताबिक अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री 5 साल या उससे ज्यादा सजा वाले अपराध में गिरफ्तार हो जाए या 30 दिन से ज्यादा हिरासत में रहे, तो उसकी कुर्सी अपने आप छिन जाएगी!
सोचिए, वो नेता जो अब तक जेल की सलाखों के पीछे होते हुए भी कुर्सी से चिपके रहते थे, अब ऐसा संभव ही नहीं होगा। विपक्ष भड़क चुका है। कांग्रेस, AIMIM और सपा ने इसे संविधान विरोधी बताया, तो वहीं शाह ने इसे JPC के पास भेजने का एलान कर दिया।
लेकिन असली सवाल यही है क्या ये बिल भ्रष्टाचार पर सर्जिकल स्ट्राइक है, या फिर राजनीतिक हथियार? क्या यह कानून नेताओं को जवाबदेह बनाएगा, या सत्ता की जंग को और भी तेज कर देगा?
25 अगस्त की अगली सुनवाई और संसद की बहस अब करोड़ों निगाहों में है। क्या भारतीय राजनीति का चेहरा बदलने वाला है? या फिर ये बिल सिर्फ एक राजनीतिक चाल है? अपनी राय कमेंट में जरुर लिखिए |



