देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? यह सवाल आज हर किसी की जुबान पर है। जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद 9 सितंबर को होने वाले चुनाव ने राजनीतिक गलियारों में एक बड़ा सस्पेंस पैदा कर दिया है। क्या भाजपा इस बार कोई मुस्लिम चेहरा सामने लाएगी, या फिर हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए किसी आरएसएस विचारक पर दांव लगाएगी?
सूत्रों के मुताबिक, इस दौड़ में कई दिग्गजों के नाम सामने आए हैं, जिनमें दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सबसे आगे हैं। अगर आरिफ मोहम्मद खान को उम्मीदवार बनाया जाता है, तो यह एक बड़ा और चौंकाने वाला कदम होगा।
वहीं, दूसरी ओर आरएसएस के करीबी माने जाने वाले शेषाद्रि चारी का नाम भी चर्चा में है। अगर उन्हें मौका मिला, तो यह भाजपा का एक बड़ा वैचारिक दांव होगा। इसके अलावा, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, कर्नाटक के थावरचंद गहलोत और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी इस रेस में शामिल हैं।
संसद में एनडीए के पास पर्याप्त बहुमत है, इसलिए जीत तो तय है। असली सवाल यह है कि भाजपा कौन-सा राजनीतिक संदेश देना चाहती है? क्या वह सबको साथ लेकर चलने का संदेश देगी या फिर अपनी वैचारिक निष्ठा को मजबूत करेगी? 9 सितंबर को होने वाला चुनाव सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक दांव है जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं।



