क्या आपने कभी किसी को हारने के बाद मेडल पहनते देखा है? नहीं देखा ना तो चलो आज देख लो. पाकिस्तान में बिल्कुल यही हो रहा है! भारत के खिलाफ करारी हार झेलने के बावजूद, पाकिस्तान ने अपने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर सेना के बड़े अधिकारियों को ‘हिलाल-ए-जुर्रत’ मेडल से नवाजा। सवाल ये है की, जिन जनरलों के लड़ाकू विमानों को भारत ने मार गिराया, आखिर उन्हें किस बहादुरी के लिए यह सम्मान मिला?
जब पाकिस्तानी आर्मी चीफ मेडल पहन रहे थे, उसी वक्त PoK के रावलाकोट में हजारों लोग सड़कों पर थे। उनके हाथ में पाकिस्तान के विरोध में नारे लिखे हुए पोस्टर थे और वे आजादी की मांग कर रहे थे। भीड़ में ‘अमेरिका ने कुत्ते पाले, वर्दी वाले, वर्दी वाले’ के नारे गूंज रहे थे, जो सीधे पाकिस्तानी सेना पर हमला था। लेकिन पाकिस्तानी फौज ने जवाब में लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले बरसाए और लोगों को गिरफ्तार भी किया।
पीओके के लोगों का यह गुस्सा रातों-रात नहीं जागा। यह सालों से हो रही अनदेखी, बेरोजगारी और संसाधनों की लूट का नतीजा है। जहां पीओके में स्कूल और अस्पताल तक नहीं हैं, वहीं सेना अपने लिए बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स चला रही है। अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान इस बवाल को दबा पाएगा, या अगली बार ‘हार का मेडल – वॉल्यूम 2’ लेकर आएगा?



