pm vishwakarma yojana

PM विश्वकर्मा योजना: पाएं ₹15,000 की फ्री टूलकिट और ₹3 लाख तक का लोन, ऐसे करें अप्लाई

भारत सरकार द्वारा सालों से कई तरह की लाभकारी और कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजना का लाभ शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में रहने वाले लोगों को दिया जाता है। समय-समय पर कई तरह की नई योजनाओं को भी सरकार द्वारा लॉन्च किया जाता है।

भारत सदियों से शिल्प और कारीगरी की समृद्ध परंपरा का गवाह रहा है। गांवों-शहरों की गलियों में आज भी लोहार, बढ़ई, सुनार, मोची, दर्जी और खिलौना बनाने जैसे काम करने वाले लोग मिल जाते हैं, जिन्होंने पीढ़ियों से अपने हुनर को जिंदा रखा है। लेकिन तकनीक और मशीनों के युग में यह पारंपरिक व्यवसाय धीरे-धीरे हाशिए पर जा रहे थे।

ऐसे में भारत सरकार ने 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की, ताकि देश के परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों को फिर से मुख्यधारा में लाया जा सके। इस योजना का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक मदद देना नहीं, बल्कि उन्हें आधुनिक टूल्स, ट्रेनिंग, और बाजार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना है।

आप जब भी किसी योजना से जुड़ना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले ये चेक करना होता है कि क्या आप उस योजना के लिए पात्र हैं भी या नहीं। दरअसल, किस योजना का लाभ किन लोगों को देना और किन्हें नहीं ये पहले ही तय कर लिया जाता है जिसके लिए पात्रता सूची तैयार होती है।

कौन उठा सकता है योजना का लाभ?

वह व्यक्ति जो पारंपरिक हस्तशिल्प या कारीगरी जैसे कार्य में हाथों या सामान्य औजारों से जुड़ा है।
आवेदक की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
सरकारी नौकरी में कार्यरत व्यक्ति इस योजना के पात्र नहीं हैं।
परिवार से केवल एक ही सदस्य योजना का लाभ ले सकता है।
अगर पिछली किसी योजना से (जैसे मुद्रा/स्वनिधि) लोन लिया गया है, तो उसे पूरी तरह चुकाना जरूरी है।

कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?

आधार कार्ड और मोबाइल नंबर
जाति प्रमाण पत्र
बैंक खाता विवरण
निवास प्रमाण पत्र
पासपोर्ट साइज फोटो

आवेदन प्रक्रिया

वेबसाइट: www.pmvishwakarma.gov.in
नजदीकी CSC (जन सेवा केंद्र) से भी आवेदन किया जा सकता है।
आधार और मोबाइल से वेरिफिकेशन के बाद ऑनलाइन फॉर्म भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें।
वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचान पत्र जारी होता है।

योजना के लाभ

₹15,000 की राशि टूलकिट खरीदने के लिए दी जाती है।
कारीगरों को सर्टिफाइड ट्रेनिंग और प्रशिक्षण के दौरान भत्ता मिलता है।
₹1 लाख से ₹3 लाख तक का बिना गारंटी लोन, बहुत कम ब्याज दर पर मिलता है।
मार्केटिंग, ब्रांडिंग और क्वालिटी प्रमोशन के लिए NCM की मदद।
हर डिजिटल लेनदेन पर ₹1 की डिजिटल सब्सिडी।
राष्ट्रीय पहचान और खुद का बिजनेस खड़ा करने का अवसर।

योजना से जुड़े प्रमुख 18 पारंपरिक व्यवसाय

मोची, दर्जी, सुनार, बढ़ई, लोहार, नाई, धोबी, माली, मूर्तिकार, जाल बुनने वाले, टोकरी बनाने वाले, खिलौना निर्माता, मछली पकड़ने वाले, राजमिस्त्री, चर्मकार, हथकरघा बुनकर, पॉटरी मेकर, पत्थर तराशने वाले आदि।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *